जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा सिंधु जल समझौते को निलंबित करने के बाद पाकिस्तान में खलबली मच गई है। पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर से लेकर वहां के शासकों तक को यह बात समझ आ गई है कि समझौते के निलंबित होने से उन्हें भारी नुकसान होगा और वे भुखमरी की कगार पर पहुंच सकते हैं। यही कारण है कि पाकिस्तान इस मुद्दे को लेकर दुनिया भर में विरोध कर रहा है और मिसाइल दागने से लेकर युद्ध की धमकी तक दे रहा है।
हालांकि, भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते। भारत पर पाकिस्तान की गीदड़ भभकियों का कोई असर नहीं हो रहा है, बल्कि भारत ने उन्हें चेतावनी दी है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है और यह जारी रहेगा। इन बयानों के बीच एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं कि क्या सिंधु जल समझौते को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ सकता है? आइए जानते हैं कि पाकिस्तान के शासक भारत को क्या धमकी दे रहे हैं और भारत की क्या योजना है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि यदि भारत सिंधु जल संधि को निलंबित रखता है या बांध बनाता है, तो भारत के खिलाफ युद्ध होगा। उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सिंधु नदी पर जल परियोजनाओं की घोषणा को पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी के रूप में देखा, जिससे पाकिस्तान की जल आपूर्ति में कटौती हो सकती है। जरदारी ने सिंधु जल समझौते पर भारत की कार्रवाई को लेकर दुनिया में अपना विरोध दर्ज कराया। उन्होंने कहा कि अपनी विदेश यात्राओं के दौरान उन्होंने भारत की आक्रामक जल नीति का मुद्दा उठाया था।
बिलावल ने कहा कि सिंध के लोगों ने जब भी सिंधु नदी को खतरे में महसूस किया है, उसकी रक्षा के लिए आगे आए हैं। पाकिस्तान के लोगों में युद्ध की स्थिति में मोदी का सामना करने की ताकत है। उन्होंने भारत को चेतावनी दी कि एक और युद्ध हुआ तो पाकिस्तान अपनी सभी छह नदियों पर दोबारा अधिकार कर सकता है।
पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने भी अमेरिका के फ्लोरिडा में पाकिस्तानी प्रवासियों को संबोधित करते हुए चेतावनी दी कि यदि भारत ने पाकिस्तान की ओर जाने वाले जल प्रवाह को बाधित किया, तो पाकिस्तान भारतीय बुनियादी ढांचे को तबाह कर देगा। उन्होंने कहा कि अगर हमें लगता है कि हम डूब रहे हैं, तो हम आधी दुनिया को अपने साथ ले डूबेंगे। भारत की ओर से सिंधु जल संधि को निलंबित करने के फैसले से 25 करोड़ लोगों को भुखमरी के खतरे का सामना करना पड़ रहा है।
भारत एक रणनीतिक कदम के तहत सिंधु नदी प्रणाली से पानी की निकासी बढ़ाने की योजनाओं पर तेजी से काम कर रहा है। उसका मुख्य ध्यान चिनाब, झेलम और सिंधु नदियों पर है, जिनका अधिकांश पानी पाकिस्तान को जाता है। भारत की योजना में सबसे प्रभावशाली परियोजना चिनाब नदी पर रणबीर नहर का विस्तार है। सरकार इसे 120 किलोमीटर तक बढ़ाना चाहती है। इस विस्तार से भारत की जल मोड़ने की क्षमता 40 घन मीटर प्रति सेकंड से बढ़कर 150 घन मीटर प्रति सेकंड हो जाएगी।
इसके अतिरिक्त, भारत अन्य सिंचाई और जलविद्युत परियोजनाओं पर भी विचार कर रहा है, जो नदी के निचले इलाकों में जल उपलब्धता को और कम कर सकती हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों के पानी को उत्तर भारतीय राज्यों की नदियों में भेजने के प्रस्ताव पर विचार चल रहा है, जिससे पाकिस्तान में जल प्रवाह और सीमित हो जाएगा। इन परियोजनाओं में बड़ी मात्रा में पानी भंडारण क्षमता वाले बांधों का निर्माण शामिल है।