चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण (SIR) की शुरुआत की है। चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद बिहार में बवाल मच गया, कांग्रेस और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इसका विरोध करते हुए बिहार बंद का आह्वान किया और चुनाव के बहिष्कार की धमकी दी। उन्होंने भाजपा और चुनाव आयोग पर धांधली का आरोप लगाया, लेकिन यह मुद्दा अब राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गया है। विपक्षी पार्टियों का गठबंधन, इंडिया ब्लॉक, ने बिहार चुनाव से पहले इसे भाजपा और चुनाव आयोग के खिलाफ एक बड़ा मुद्दा बना लिया है। इस मुद्दे पर लोकसभा चुनाव के बाद बिखरे इंडिया गठबंधन की पार्टियां एकजुट होती दिख रही हैं। यह एकजुटता न केवल बिहार, बंगाल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में दिख रही है, बल्कि संसद के मानसून सत्र और राष्ट्रीय स्तर पर भी देखी जा रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आवास पर हुई इंडिया गठबंधन के नेताओं की बैठक में 25 दलों के करीब 50 नेता शामिल हुए, जहां सभी ने SIR के विरोध में एकजुटता दिखाई।
राहुल गांधी के नेतृत्व में इंडिया ब्लॉक के सांसद सोमवार को संसद से चुनाव आयोग तक मार्च करेंगे और मतदाता सूची में कथित ‘वोट चोरी’ के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। गठबंधन के नेता अपनी आपत्तियां दर्ज कराने के लिए चुनाव आयुक्तों से भी मिलेंगे। विपक्ष का यह विरोध प्रदर्शन राहुल गांधी द्वारा कर्नाटक में कांग्रेस के विश्लेषण का हवाला देते हुए चुनाव आयोग पर भाजपा के साथ मिलीभगत का आरोप लगाने के बाद हो रहा है, जहां उन्होंने लगभग एक लाख वोटों की ‘चोरी’ का आरोप लगाया था। राहुल गांधी ने 2024 के लोकसभा चुनावों में ‘वोट चोरी’ के आरोपों को दोहराया और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए ‘स्वच्छ’ मतदाता सूची की आवश्यकता पर जोर दिया। तृणमूल कांग्रेस ने भी SIR के खिलाफ आंदोलन का ऐलान कर दिया है और ममता बनर्जी ने इसे बैकडोर से एनआरसी लागू करने की साजिश करार दिया है। बिहार चुनाव से पहले विपक्ष ने SIR को मुद्दा बनाया है और आंदोलन की तैयारी कर रहा है।