ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) एक ऐसी बीमारी है जिससे कई लोग डरते हैं। इस बीमारी के बारे में कई तरह की गलतफहमी फैली हुई हैं और बहुत से लोगों को यह भी नहीं पता कि यह बीमारी क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है। मिज़ोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने मंगलवार को बताया कि राज्य में 97.38 प्रतिशत एचआईवी संक्रमण असुरक्षित यौन संबंध बनाने और संक्रमित सुइयों के इस्तेमाल से फैलता है।
इस समस्या से निपटने के लिए, सीएम ने मिज़ोरम में एचआईवी संक्रमण को रोकने और लोगों को जागरूक करने के लिए एक आईईसी अभियान (IEC campaign) शुरू किया है। इसके साथ ही एचआईवी टेस्ट ड्राइव कैंपेन भी शुरू की गई है। सीएम लालदुहोमा ने कहा कि एचआईवी के बारे में जागरूकता फैलाते समय गांवों और सीमावर्ती क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
सीएम ने कहा कि इस बीमारी से बचने के दो ही तरीके हैं – रोकथाम और सुरक्षा। उन्होंने कहा कि ये दोनों ही चीजें तभी संभव हैं जब व्यक्ति बीमारी से जागरूक हो और उसे पता हो कि यह कैसे फैलती है और इसके लक्षण क्या हैं। उन्होंने आगे कहा कि जागरूकता के बावजूद, रोकथाम के उपायों का पूरी तरह से पालन नहीं किया जा रहा है, इसलिए अभिनव और प्रभावी जागरूकता पहलों की आवश्यकता है, जिससे लोग रोकथाम के उपायों का पालन करें।
स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, सीएम लालदुहोमा ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-2025 के दौरान एचआईवी पॉजिटिव मामलों में से 97.38 प्रतिशत मामले असुरक्षित यौन संबंध बनाने और नशीली दवाओं के इंजेक्शन के लिए सुइयों और सिरिंजों को साझा करने से फैले।
इनमें से 68.13 प्रतिशत मामलों में असुरक्षित यौन संबंध बनाने से संक्रमण फैला, जबकि 29.5 प्रतिशत मामलों में संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग की गई सुइयों और सिरिंजों के उपयोग से संक्रमण फैला।
स्वास्थ्य मंत्री लालरिनपुई ने भी सभी से अपने एचआईवी स्टेटस के बारे में जागरूक रहने और रोकथाम के उपायों का समर्थन करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि राज्य में एचआईवी/एड्स एक गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है और कुछ लोग यह जानते हुए भी कि असुरक्षित यौन संबंध और सुइयों को साझा करना संक्रमण फैलने का मुख्य कारण है, इसे जारी रखते हैं।
अधिकारियों के अनुसार, अक्टूबर 1990 से, जब राज्य में पहली बार इस वायरस का पता चला था, तब से मिज़ोरम में कुल 32,994 एचआईवी पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान, 869 महिलाओं सहित 2,471 लोग इस वायरस से संक्रमित पाए गए।
उन्होंने कहा कि एचआईवी से ग्रस्त 97 प्रतिशत लोगों की रोकथाम संभव है और प्रभावी एचआईवी/एड्स रोकथाम और देखभाल कार्यक्रमों के मामले में मिज़ोरम देश के सर्वश्रेष्ठ राज्यों में पांचवें स्थान पर बना हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि सघन आईईसी अभियान के तहत राज्य के सभी 11 जिलों के 88 गांवों में जागरूकता और टेस्ट आयोजित किए जाएंगे, जिसका मकसद अभियान के दौरान अधिकतम टेस्टिंग कवरेज हासिल करना है।
एचआईवी एक संक्रमण है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करता है। एचआईवी की अंतिम या उन्नत अवस्था एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (एड्स) है।
एचआईवी शरीर की व्हाइट ब्लड सेल्स (सफेद रक्त कोशिकाओं) को प्रभावित करता है, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, एचआईवी एक वैश्विक स्वास्थ्य समस्या बनी हुई है, जिससे दुनिया भर में अनुमानित 44.1 मिलियन लोगों की जान जा चुकी है। 2024 के अंत तक दुनिया भर में अनुमानित 40.8 मिलियन लोग एचआईवी से पीड़ित होंगे। एचआईवी संक्रमण का कोई इलाज नहीं है।