
देश में ग्रामीण रोज़गार के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव आया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘विकसित भारत गारंटी फॉर रोज़गार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ बिल, जिसे संक्षेप में G RAM G Bill कहा जा रहा है, को अपनी मंज़ूरी दे दी है। यह नया कानून अब महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) की जगह लेगा। इस नए बिल के तहत, प्रत्येक ग्रामीण परिवार को वित्तीय वर्ष में 125 दिनों के मज़दूरी रोज़गार की गारंटी दी जाएगी, जो MGNREGA के 100 दिनों से अधिक है।
**G RAM G Bill संसद से पारित:**
यह महत्वपूर्ण बिल हाल ही में संपन्न हुए शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में पारित हुआ। हालांकि, विपक्ष ने इस विधेयक के पारित होने पर जोरदार विरोध दर्ज कराया था। विपक्ष का मुख्य विरोध महात्मा गांधी के नाम को नए कानून से हटाने और राज्यों पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ को लेकर था। राज्यसभा में बिल पर देर रात तक चर्चा हुई और ध्वनि मत से इसे पारित कर दिया गया, जबकि लोकसभा में भी इसे हंगामे के बीच मंज़ूरी मिली।
**नए कानून का उद्देश्य:**
सरकार के अनुसार, G RAM G Bill का उद्देश्य ‘विकसित भारत 2047’ के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप एक ग्रामीण विकास ढांचा स्थापित करना है। यह बिल ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा को मज़बूत करने और रोज़गार के अवसर बढ़ाने पर केंद्रित है। MGNREGA, जिसे मूल रूप से 2005 में NREGA के नाम से लाया गया था और 2009 में MGNREGA का नाम दिया गया था, का लक्ष्य ग्रामीण परिवारों की आजीविका सुरक्षा को बढ़ाना था।
**MGNREGA और G RAM G Bill के बीच मुख्य अंतर:**
* **रोज़गार के दिन:** MGNREGA 100 दिनों का रोज़गार सुनिश्चित करता है, जबकि G RAM G Bill 125 दिनों का रोज़गार प्रदान करेगा।
* **वित्तीय पैटर्न:** नए बिल में केंद्र और राज्यों के बीच 60:40 का फंड-शेयरिंग पैटर्न होगा। पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों के लिए यह अनुपात 90:10 रहेगा। MGNREGA में केंद्र 100% मज़दूरी वहन करता था।
* **कार्य का समय:** G RAM G Bill के तहत, राज्य सरकारें कृषि के चरम मौसमों जैसे बुवाई और कटाई के दौरान 60 दिनों तक काम की अधिसूचना दे सकती हैं।
* **कार्य का प्रकार:** नए बिल में जल सुरक्षा, ग्रामीण बुनियादी ढांचा, आजीविका से संबंधित ढांचा और चरम मौसम की घटनाओं से निपटने के लिए कार्य शामिल हैं।
* **डिजिटल प्रणाली:** G RAM G Bill एक व्यापक डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र का प्रस्ताव करता है, जिसमें बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण, जीपीएस-आधारित निगरानी और AI का उपयोग शामिल है, जो MGNREGA में नहीं था।






