
संसद ने गहन बहस और हंगामे के बीच ‘विकसित भारत गारंटी फॉर एम्प्लॉयमेंट एंड लाइवलीहुड मिशन ग्रामीण’ (VB-G RAM G) बिल को अपनी मंजूरी दे दी है। यह नया कानून महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) की जगह लेगा। देर रात राज्यसभा में ध्वनि मत से बिल पारित हुआ, जबकि लोकसभा में भी गुरुवार दोपहर भारी विरोध और विपक्ष के वॉकआउट के बीच इसे पास कर दिया गया था।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऊपरी सदन में बिल पेश किया। विपक्ष के नेता अनुपस्थित थे, जिसके बाद बिल ध्वनि मत से पारित हो गया। इससे पहले, विपक्षी सदस्यों ने राज्यसभा के वेल में विरोध प्रदर्शन किया और बाद में सदन से वॉकआउट कर गए। VB-G RAM G बिल के पारित होने के बाद कई सांसदों ने संसद के मकर गेट पर विरोध प्रदर्शन किया।
विपक्ष ने शुरू में बिल को स्थायी समिति को भेजने की मांग की थी, लेकिन बाद में इसे पूरी तरह से वापस लेने की मांग पर अड़ गए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि सरकार गरीबों के अधिकारों को छीन रही है। उन्होंने कहा, “सरकार गरीबों के मौलिक अधिकारों को छीन रही है ताकि वे गुलामी जारी रखें।” तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा कि यह बिल सरकार की सामंती मानसिकता को दर्शाता है। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने विश्वास जताया कि कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने पर MNREGA को बहाल किया जाएगा। उन्होंने कहा, “सरकार महात्मा गांधी के नाम को खत्म करना चाहती है, लेकिन ऐसा कभी नहीं होगा। जब हम सत्ता में लौटेंगे, MNREGA बहाल होगा और आपकी गोडसे-जैसी प्रवृत्तियों को समाप्त करेगा।”
वहीं, बिल के पक्ष में बोलते हुए मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर महात्मा गांधी के विचारों को “हत्या” करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार गांधी के आदर्शों से सम्मानित महसूस करती है। चौहान ने जोर देकर कहा, “मोदी सरकार MGNREGA को ठीक से लागू करके महात्मा गांधी के आदर्शों से सम्मानित महसूस करती है।”



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