
गोवा में 20 दिसंबर को जिला पंचायत की 50 सीटों के लिए मतदान होना है। इस महत्वपूर्ण स्थानीय निकाय चुनाव में कुल 8.68 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। चुनाव आयोग के अनुसार, मतदान के लिए कड़ी सुरक्षा और सख्त दिशानिर्देश लागू किए गए हैं। यह चुनाव 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले एक महत्वपूर्ण राजनीतिक संकेत माना जा रहा है। वोटों की गिनती 22 दिसंबर को की जाएगी।
राज्य भर में सभी 50 जिला पंचायत निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान शनिवार, 20 दिसंबर को सुबह से शाम तक चलेगा। चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए अधिकारियों ने व्यापक तैयारियां की हैं। इस बार मतदान मतपत्रों (बैलेट पेपर) के माध्यम से होगा।
**मतदान का विवरण:**
* **कुल मतदाता:** 8,68,637
* **पुरुष मतदाता:** 4,20,431
* **महिला मतदाता:** 4,48,201
* **मतदान तिथि:** 20 दिसंबर, 2025
* **मतगणना तिथि:** 22 दिसंबर, 2025
**मतदान दिवस के लिए विशेष दिशानिर्देश:**
शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए, जिलाधिकारियों ने मतदान केंद्रों के आसपास कुछ प्रतिबंध लगाए हैं। मतदान दिवस पर सुबह 6 बजे से शाम 9 बजे तक मतदान स्थलों से 100 मीटर की दूरी के भीतर सभी रेस्तरां, बार, चाय की दुकानें, पान की दुकानें, ढाबे और अन्य भोजनालय बंद रहेंगे। साथ ही, मतदान केंद्रों से 200 मीटर के दायरे में पांच से अधिक लोगों के जमावड़े पर रोक लगा दी गई है। ये प्रतिबंध चुनाव ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों पर लागू नहीं होंगे। विवाह समारोह, अंतिम संस्कार या धार्मिक जुलूस जैसे वास्तविक आयोजनों को इन आदेशों से छूट दी गई है। इन नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
**आरक्षित सीटें और मतदान व्यवस्था:**
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि मतदाता सूची 1 जनवरी, 2025 तक की गोवा विधानसभा मतदाता सूची पर आधारित है। उत्तर गोवा में 9 सीटें महिलाओं के लिए, 7 ओबीसी के लिए, और 1-1 सीट एससी और एसटी के लिए आरक्षित हैं। वहीं, दक्षिण गोवा में 10 सीटें महिलाओं के लिए, 6 ओबीसी के लिए, और 5 एसटी के लिए आरक्षित हैं। राज्य भर में कुल 1,284 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें से 658 उत्तर गोवा में और 626 दक्षिण गोवा में स्थित हैं।
**चुनाव का महत्व:**
ये जिला पंचायत चुनाव 2027 के गोवा विधानसभा चुनावों के लिए महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। इनके परिणाम भविष्य के गठबंधन और चुनावी रणनीतियों की दिशा तय कर सकते हैं। राजनीतिक दलों ने अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगाई है और वे किसी भी तरह की धांधली को रोकने के लिए सतर्क हैं।






