
पूर्व पंजाब IPS अधिकारी अमर सिंह चहल, जिन्होंने कथित तौर पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या का प्रयास किया, के सुसाइड नोट की चर्चा सोशल मीडिया पर ज़ोरों पर है। इस 12-पेज के नोट में, चहल ने खुलासा किया कि वे साइबर ठगों के जाल में फंस गए थे, जिन्होंने उन्हें 8.10 करोड़ रुपये की ठगी का शिकार बनाया। ये ठग खुद को धन प्रबंधन सलाहकार के रूप में पेश कर रहे थे।
अमर सिंह ने DGP को संबोधित एक विस्तृत 12-पेज का नोट सौंपा था, जिसमें उन्होंने खुद को ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार बताया। इस नोट में उन्होंने विस्तार से बताया कि कैसे उन्हें निवेश के बहाने धोखा दिया गया। ठगों ने खुद को ‘वेल्थ इक्विटी एडवाइजर्स’ के रूप में प्रस्तुत किया और DBS बैंक के CEO का दावा करते हुए उन्हें IPO और OTC ट्रेडों में भारी मुनाफे का लालच दिया।
उन्होंने तीन बैंक खातों के माध्यम से 8 करोड़ रुपये से अधिक की राशि ट्रांसफर की। जालसाजों ने एक ऑनलाइन डैशबोर्ड दिखाया, जिसमें विभिन्न योजनाओं में भारी मुनाफा दिखाया जा रहा था। हालांकि, जब अमर सिंह ने पैसे निकालने की कोशिश की, तो उन्हें 1.5% सेवा शुल्क और 3% कर के नाम पर अतिरिक्त 2.25 करोड़ रुपये देने के लिए कहा गया। इसके बावजूद, पैसे जारी नहीं किए गए, और फिर 2 करोड़ रुपये की और मांग की गई। अंत में, प्रीमियम सदस्यता शुल्क के रूप में 20 लाख रुपये भी मांगे गए।
अमर सिंह के दोस्तों ने बताया कि उन्हें इस धोखाधड़ी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने यह भी बताया कि ठगों ने खुद को DBS बैंक के CEO डॉ. रजत वर्मा के रूप में पेश किया और स्टॉक मार्केट, IPO और ट्रेडिंग से संबंधित दैनिक टिप्स दिए। प्रोफाइल में CEO की फोटो ने निवेशक का भरोसा बढ़ाया। जब अमर सिंह ने 5 करोड़ रुपये निकालने का प्रयास किया, तो जालसाजों ने तरह-तरह के शुल्क लगाकर उनसे भारी रकम ऐंठ ली।
नोट में यह भी उल्लेख किया गया है कि इन तीन खातों (Axis, HDFC, और ICICI) में से 7 करोड़ रुपये उधार लिए गए थे। अमर सिंह ने नोट में बैंक विवरण, IFSC कोड और लेनदेन के रिकॉर्ड भी शामिल किए थे, जो इस ऑनलाइन जालसाजी की गहराई को दर्शाते हैं।



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