
कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन को बेंगलुरु में हुए अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नेताओं को जमीनी हकीकत जाने बिना राज्य के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। शिवकुमार ने विजयन के बयानों को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताते हुए कहा कि बेंगलुरु की वास्तविकताओं को समझने के बाद ही ऐसे राजनीतिक बयान दिए जाने चाहिए।
शिवकुमार ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई किसी विशेष समुदाय को निशाना बनाने के लिए नहीं, बल्कि सार्वजनिक भूमि को बचाने के उद्देश्य से की गई है। उन्होंने बताया कि जिस इलाके में यह विध्वंस हुआ, वह पहले से ही एक अतिक्रमणित कूड़ा डंपिंग साइट थी, और भूमि माफिया इसे झुग्गी बस्ती में बदलने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने लोगों को नए स्थानों पर जाने का अवसर दिया था, और इनमें से कुछ ही स्थानीय निवासी थे।
‘हम बुलडोजर की राजनीति नहीं करते,’ शिवकुमार ने जोर देकर कहा। ‘हम अपनी भूमि और सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा कर रहे हैं।’ उन्होंने केरल के मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे पूरी जानकारी के अभाव में बेंगलुरु के मुद्दों पर टिप्पणी करने से बचें। शिवकुमार ने कहा, ‘पिनरई विजयन जैसे वरिष्ठ नेताओं को बेंगलुरु की समस्याओं को जानना चाहिए। हम अपने शहर को अच्छी तरह जानते हैं, और हम भूमि माफिया को बढ़ावा देने वाली झुग्गियों को बर्दाश्त नहीं करना चाहते।’
यह प्रतिक्रिया केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन द्वारा बेंगलुरु के फकीर कॉलोनी और वासीम लेआउट में घरों के विध्वंस की कड़ी निंदा के बाद आई है। विजयन ने इसे ‘बेहद चौंकाने वाला और दर्दनाक’ बताते हुए कहा था कि यह कार्रवाई ‘उत्तर भारतीय बुलडोजर न्याय मॉडल’ का अनुसरण करती है और यह दावा किया था कि कांग्रेस सरकार संघ परिवार की अल्पसंख्यकों के खिलाफ राजनीति को लागू कर रही है।






