
पूरे भारत में दिवाली 2025 का उल्लास, खुशी और भाईचारे के साथ मनाया गया। इस बार ‘प्रकाश पर्व’ में पर्यावरण-अनुकूल परंपराओं पर विशेष जोर दिया गया, जिससे यह त्योहार और भी खास बन गया। पटाखों की गूंज के साथ-साथ, लोगों ने स्वादिष्ट भोजन, परिवार के साथ समय बिताने और पारंपरिक रीति-रिवाजों का भरपूर आनंद लिया। घरों की साफ-सफाई, नए वस्त्र धारण करना, उपहारों का आदान-प्रदान और मिठाइयों व खास पकवानों की तैयारी, यह सब दिवाली की रौनक का हिस्सा रहे। दिल्ली के गुरुद्वारा बंगला साहिब ने दिवाली और बंदी छोड़ दिवस दोनों को एक साथ मनाकर इस पर्व की समावेशी भावना को और मजबूत किया।






