
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2020 के दिल्ली दंगों से जुड़े एक मामले में उमर खालिद और शरजील इमाम की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने यूएपीए के तहत गिरफ्तार एक आरोपी तस्लीम अहमद की जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया। जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की पीठ ने तस्लीम अहमद की जमानत याचिका खारिज की, जबकि जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस शलिंदर कौर की पीठ ने उमर खालिद और शरजील इमाम की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई की और उन्हें खारिज कर दिया। अभियोजन पक्ष ने दलील दी कि यह दंगों की साजिश थी जिसका उद्देश्य भारत को बदनाम करना था। अभियोजन पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि यह वैश्विक स्तर पर भारत को बदनाम करने की एक साजिश थी। इन दंगों में 53 लोगों की मौत हो गई थी और 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। यह हिंसा नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान भड़की थी।






