हरियाणा के नूंह जिले के मुंडाका गांव में हाल ही में दो युवकों के बीच सड़क पर गाड़ी हटाने को लेकर हुई मामूली झड़प ने सांप्रदायिक हिंसा का रूप ले लिया। देखते ही देखते, दोनों समुदायों के लोग आमने-सामने आ गए और जमकर पत्थरबाजी हुई।
जानकारी के अनुसार, राजस्थान के हाजीपुर निवासी इसरा का बेटा मुंडाका गांव की सड़क पर गाड़ी खड़ी कर रहा था। जब गांव के समय सिंह ने गाड़ी हटाने को कहा, तो युवक ने बहस शुरू कर दी और समय सिंह पर हमला कर दिया।
इसके बाद दोनों पक्षों के लोग एकत्रित हो गए और इसरा के घर के बाहर सड़क किनारे स्थित पंचर की दुकानों और एक मोटरसाइकिल में आग लगा दी। गुस्साई भीड़ ने तोड़फोड़ भी की, जिसमें एक चाय की दुकान भी क्षतिग्रस्त हो गई।
इसरा की पोती रिजवाना ने बताया कि मामूली कहासुनी को सांप्रदायिक रंग दिया गया। देखते ही देखते सैकड़ों लोग जमा हो गए और हमारी दुकानों में आग लगा दी गई। घर पर भी पत्थर फेंके गए, जिससे परिवार के कई सदस्य घायल हो गए।
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उपद्रवियों की पहचान शुरू कर दी है और 12 लोगों को हिरासत में लिया है। मुंडाका गांव के सरपंच रामकिशोर सैनी ने आरोप लगाया कि यह हिंसा 2023 में नलहर मंदिर की शोभा यात्रा के दौरान हुई हिंसा से जुड़ी है। उनका कहना है कि इसरा का परिवार उस घटना के बाद से रंजिश रखता था और गांव में होने वाले एक कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुए साजिश रची गई थी।
मस्जिद से ऐलान किया गया कि इस्लाम खतरे में है और सभी लोग इकट्ठा हों, जिसके बाद सैकड़ों मुस्लिम युवक जमा हो गए। पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है और फरार आरोपियों की तलाश जारी है। गांव में दहशत का माहौल है और सुरक्षा के लिए पहरेदारी की जा रही है। प्रशासन से गांव में पुलिस चौकी बनाने की मांग की गई है।
पुलिस अधीक्षक नूंह राजेश कुमार ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है और घायलों की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है।