“युवा संकल्प” – लोकतंत्र रक्षकों के वंशजों की आत्मनिर्भरता की दिशा में मिशन – उपासने
लोकतंत्र रक्षक संघ की पहल, युवाओं को कौशल विकास, उद्यमिता और रोज़गार के अवसर; अन्य राज्यों में भी लागू होगा मॉडल – उपासने
लोकतंत्र रक्षक संघ ने मीसा बंदियों के वंशजों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक सशक्तिकरण के लिए महत्वाकांक्षी पहल “युवा संकल्प” की शुरुआत की है। यह योजना संघ के अध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने जी की प्रेरणा से प्रारंभ हो रही है।
1975-77 के आपातकाल में हजारों लोकतंत्र सेनानियों ने संवैधानिक अधिकारों की रक्षा हेतु यातनाएँ सही और जेलों में समय बिताया। आज उनके परिवार, विशेषकर युवा पीढ़ी, कई क्षेत्रों में पिछड़ेपन का सामना कर रही है। “युवा संकल्प” इस स्थिति को बदलने की दिशा में एक ठोस प्रयास है।
परियोजना के प्रमुख आयाम:
कौशल विकास प्रशिक्षण: कंप्यूटर, डिजिटल मार्केटिंग, सिलाई, ब्यूटी पार्लर, फूड प्रोसेसिंग, आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस आदि।
उद्यमिता प्रोत्साहन: व्यवसाय शुरू करने हेतु मार्गदर्शन और संसाधन।
मानसिक सशक्तिकरण: आत्मविश्वास, नेतृत्व विकास एवं सामाजिक सहभागिता।
रोज़गार/स्व-रोज़गार अवसर: सरकारी योजनाओं, बैंकों व निजी क्षेत्रों से जोड़ना।
परियोजना का संचालन लोकतंत्र रक्षक संघ करेगा, जिसमें तकनीकी सलाहकार के रूप में श्री सिधार्थ सुबोध पांडे सहयोग देंगे। प्रमुख पदाधिकारियों में सुहास देशपांडे, आलोक श्रीवास्तव, मोहन पवार, हेमंत उपासने, हारमिंदर सिंह टिन्नी और शरद श्रीवास्तव शामिल हैं।
बजट एवं विस्तार:
अनुमानित बजट ₹20–25 लाख, जिसमें इंफ्रास्ट्रक्चर, मशीनरी, मास्टर ट्रेनर, सामग्री, मार्केटिंग एवं ब्रांडिंग शामिल होंगे। इस मॉडल को भविष्य में अन्य राज्यों में भी लागू करने का लक्ष्य है।
समाज से अपील:
यह परियोजना केवल एक योजना नहीं, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन है। संघ ने समाज के सभी वर्गों, मीडिया, जनप्रतिनिधियों, CSR संस्थाओं और शैक्षणिक संस्थानों से सहयोग की अपील की है।
हम मानते हैं — जब समाज साथ चलता है, तो परिवर्तन स्थायी होता है।
— आलोक श्रीवास्तव
सचिव, लोकतंत्र रक्षक संघ