
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी सफलता हाथ लगी है, जहाँ बुधवार को 50 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इस समूह में 32 महिलाएँ भी शामिल थीं। समर्पण करने वाले नक्सलियों ने कुल 39 हथियार भी सौंपे। यह घटनाक्रम माओवादी उग्रवाद के खिलाफ चल रहे अभियानों में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में कई वरिष्ठ कमांडर भी शामिल थे, जिनमें राजमन मंडावी और राजू सलाम जैसे नेता शामिल थे। ये आत्मसमर्पण कोयालीbeda पुलिस थाना क्षेत्र के कामटेरा कैंप में सीमा सुरक्षा बल (BSF) की 40वीं बटालियन के समक्ष हुआ। अधिकारियों के अनुसार, यह आत्मसमर्पण माओवादी नेटवर्क में एक बड़ी सेंध है, खासकर माड़ क्षेत्र में उनकी पकड़ कमजोर हुई है।
समूह में पांच वरिष्ठ डीवीसीएम रैंक के नक्सली भी थे, जिनकी पहचान प्रसाद तडामी, हीरालाल कोमरा, जुगनू कोवाची, नरसिंह नेताम और राजमन मंडावी की पत्नी नंदे के रूप में हुई। इसके अलावा, 21 एसीएम स्तर के कैडर भी थे। इन नेताओं के आत्मसमर्पण से क्षेत्र में माओवाद विरोधी अभियानों का मनोबल बढ़ा है।
यह माड़ के उत्तरी भाग से नक्सलियों के पहले समूह का आत्मसमर्पण है। उम्मीद है कि गुरुवार को बीजापुर जिले के भैरमगढ़ क्षेत्र में लगभग 120 और माओवादी कैडर हथियार डालकर मुख्यधारा में लौट आएंगे। सुरक्षा एजेंसियां लगातार ऐसे प्रयास कर रही हैं और सामुदायिक पहलों के माध्यम से अधिक से अधिक नक्सलियों को समाज में वापस लाने के लिए प्रेरित कर रही हैं।





