छत्तीसगढ़ सरकार उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए 34 नए नालंदा परिसर बना रही है। ये परिसर रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, भिलाई, रायगढ़ जैसे बड़े शहरों के साथ-साथ सुकमा, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, सूरजपुर, बैकुंठपुर, चिरमिरी, कुनकुरी, जशपुर, बलरामपुर, पेंड्रा जैसे दूरस्थ क्षेत्रों में भी बनाए जा रहे हैं। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने पिछले दो वर्षों में 33 नए नालंदा परिसरों के लिए धन स्वीकृत किया है।
रायगढ़ में, सीएसआर के माध्यम से 700 सीटों वाली केंद्रीय लाइब्रेरी का निर्माण चल रहा है, जिसके लिए रायगढ़ नगर निगम और एनटीपीसी के बीच एक समझौता हुआ है। यह राज्य का सबसे बड़ा नालंदा परिसर होगा।
इन आधुनिक पुस्तकालयों में ऑनलाइन और ऑफलाइन पढ़ाई की सुविधा होगी। विभाग ने पिछले दो वर्षों में 33 नालंदा परिसरों के लिए 237 करोड़ रुपये से अधिक मंजूर किए हैं। चालू वित्त वर्ष में 18 नालंदा परिसरों के लिए 125 करोड़ रुपये से अधिक स्वीकृत किए गए हैं।
पिछले वर्ष में 15 नालंदा परिसरों के लिए 111 करोड़ रुपये से अधिक मंजूर किए गए थे, जिनमें से 11 के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव के अनुमोदन के बाद, विभाग ने 11 नगर निकायों में नालंदा परिसरों के निर्माण के लिए पहली किस्त के रूप में लगभग 19 करोड़ रुपये जारी किए हैं। दुर्ग, राजनांदगांव और अंबिकापुर को प्रथम किस्त के रूप में धन मिला है।
राज्य के युवाओं के लिए 10 नगर निकायों में 500 सीटों और 22 शहरों में 250 सीटों वाली लाइब्रेरी बनाई जाएंगी। दुर्ग, राजनांदगांव, अंबिकापुर, जगदलपुर, बिलासपुर और भिलाई नगर निगम में 500 सीटों वाले नालंदा परिसर बनाए जाएंगे। धमतरी और चिरमिरी नगर निगम सहित कई अन्य शहरों में 250 सीटों वाली लाइब्रेरी-सह-रीडिंग जोन बनाए जाएंगे।
राजधानी रायपुर में पहले से ही तीन लाइब्रेरी संचालित हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायपुर के नालंदा परिसर की सफलता का उल्लेख किया और कहा कि सरकार युवाओं के सपनों को साकार करने के लिए काम कर रही है।
अरुण साव ने कहा कि सरकार युवाओं को सभी सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। ये लाइब्रेरी उच्च शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को पढ़ाई के लिए अनुकूल माहौल प्रदान करेंगी।