
रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गिरफ्तारी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। शराब, कोयला और महादेव सट्टा ऐप से जुड़े मामलों में नाम आने के बाद बघेल ने अग्रिम जमानत याचिका दायर की है। याचिका में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की शक्तियों और अधिकार क्षेत्र को चुनौती दी गई है। बघेल ने मांग की है कि उन्हें गिरफ्तार न किया जाए और जांच में सहयोग करने का अवसर दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई सोमवार को होगी।
भूपेश बघेल ने अपनी याचिका में उल्लेख किया है कि जिस तरह उनके बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी राजनीतिक द्वेष के तहत की गई, उसी तरह उन्हें भी निशाना बनाया जा सकता है। उन्होंने आशंका जताई है कि केंद्रीय एजेंसियां राजनीतिक प्रतिशोध के तहत कार्रवाई कर सकती हैं।
चैतन्य बघेल की जमानत याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। चैतन्य की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि उनका नाम न तो ED की FIR में है और न ही किसी के बयान में, फिर भी उनकी गिरफ्तारी राजनीतिक द्वेष के तहत हुई। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।