चुनाव आयोग ने राजद नेता तेजस्वी यादव को 16 अगस्त तक अपना कथित ‘फर्जी’ मतदाता पहचान पत्र जमा करने का निर्देश दिया है। आयोग ने कहा है कि फर्जी सरकारी दस्तावेजों का उपयोग करना अपराध है। इस संबंध में पटना (सदर) के अनुविभागीय मजिस्ट्रेट और दीघा विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचक निबंधन अधिकारी ने तेजस्वी यादव को एक नया पत्र जारी किया है। अधिकारी ने पूर्व उपमुख्यमंत्री को पिछले हफ्ते पत्र लिखकर उस मतदाता पहचान पत्र को ‘जांच के लिए सौंपने’ का आग्रह किया था, जिसके बारे में यादव ने दावा किया था कि वह ‘आधिकारिक रूप से जारी नहीं किया गया’ होने के बावजूद उनके पास है। ईआरओ ने कहा कि कई वर्षों की मतदाता सूची के अवलोकन से यह निष्कर्ष निकला है कि चुनाव आयोग ने यादव द्वारा उद्धृत मतदाता पहचान पत्र संख्या वाला मतदाता पहचान पत्र कभी जारी नहीं किया था। पत्र में कहा गया है, ‘ऐसा प्रतीत होता है कि उपरोक्त मतदाता पहचान पत्र फर्जी है। कानून की नजर में जाली सरकारी दस्तावेज बनाना और उसका इस्तेमाल करना अपराध है। आपसे एक बार फिर अनुरोध है कि आप अपना स्पष्ट रूप से फर्जी मतदाता पहचान पत्र 16/08/2025 शाम 5 बजे तक जमा कर दें।’ तेजस्वी यादव ने 2 अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि उनके मतदाता पहचान पत्र (ईपीआईसी) नंबर की जांच के बाद विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत तैयार किए गए मसौदा मतदाता सूची में ‘कोई रिकॉर्ड नहीं मिला’। पटना जिला प्रशासन ने इस दावे को खारिज कर दिया, जिसके बाद यादव ने आरोप लगाया कि उनका मतदाता पहचान पत्र (ईपीआईसी) नंबर ‘बदल’ दिया गया है। बाद में, यादव ने स्वीकार किया कि उनके पास अधिकारियों द्वारा बताए गए मतदाता पहचान पत्र (ईपीआईसी) नंबर वाला मतदाता पहचान पत्र है, लेकिन उन्होंने अपने नाम दो मतदाता पहचान पत्र जारी करने के लिए अधिकारियों को दोषी ठहराया।
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चुनाव आयोग ने तेजस्वी यादव को मतदाता पहचान पत्र जमा करने का आदेश दिया
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