बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर चर्चा की मांग को लेकर गतिरोध जारी है। सरकार का कहना है कि इस पर चर्चा नहीं हो सकती क्योंकि यह चुनाव आयोग का मामला है और नियम भी इसकी अनुमति नहीं देते। दूसरी ओर, सरकार और स्पीकर ने स्पष्ट कर दिया है कि लोकसभा में हंगामे के बीच भी बिल पारित किए जाएंगे। इस बीच, सुझाव आया है कि SIR पर चर्चा के बजाय चुनाव सुधारों पर चर्चा की जाए, जिसमें SIR जैसे मुद्दे भी शामिल हो सकते हैं। विपक्ष के कुछ दलों ने यह सुझाव दिया है। संसद में पहले भी चुनाव सुधारों पर चर्चा हो चुकी है। हालांकि, सरकार का कहना है कि यदि नियम अनुमति दें और चेयर तय करे तो किसी भी मुद्दे पर चर्चा की जा सकती है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्ष के नेताओं से कहा है कि मंगलवार से सदन की कार्यवाही चलाई जाएगी। सरकार द्वारा पारित किए जाने वाले बिलों पर चर्चा होगी। विपक्ष को तय करना है कि वे इसमें भाग लेते हैं या नहीं। यदि विपक्ष SIR को लेकर हंगामा जारी रखता है, तो भी हंगामे के बीच ही बिल पारित होंगे।
विपक्ष बिहार की वोटर लिस्ट रीविजन को लेकर हंगामा कर रहा है। विपक्ष का आरोप है कि SIR के जरिए लाखों लोगों से वोटिंग का अधिकार छीना जा रहा है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने पहले ही SIR पर विपक्ष की चर्चा की मांग को खारिज कर दिया था। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की, जिसके अनुसार प्रदेश भर से लगभग 65 लाख लोगों के नाम काटे गए हैं।