
बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान ने अपनी पहचान और प्रचार अधिकारों (Personality and Publicity Rights) की सुरक्षा के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया है। यह कदम डिजिटल मीडिया और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते प्रभाव के दौर में महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जहां सार्वजनिक हस्तियों की पहचान का दुरुपयोग एक आम समस्या बन गया है।
सलमान खान ने अदालत से गुहार लगाई है कि वे कुछ नामजद और अज्ञात (जॉन डो) प्रतिवादियों को उनके नाम, छवि, आवाज, संवाद, हाव-भाव और अन्य व्यक्तिगत विशेषताओं का अनधिकृत उपयोग करने से रोकें। अभिनेता के अनुसार, विभिन्न प्लेटफॉर्म और संस्थाएं उनकी सहमति के बिना उनकी पहचान का इस्तेमाल कर रही हैं, जिससे उपभोक्ताओं को गुमराह करने, उनके ब्रांड मूल्य को कम करने और उनके व्यावसायिक तथा व्यक्तिगत अधिकारों को अपूरणीय क्षति पहुंचाने का खतरा पैदा हो रहा है।
यह मामला हाल के महीनों में देखे जा रहे एक बड़े चलन को दर्शाता है, जहां कई प्रमुख फिल्मी हस्तियों और डिजिटल क्रिएटर्स ने अपनी पहचान के व्यावसायिक और गरिमापूर्ण पहलुओं की सुरक्षा के लिए न्यायिक हस्तक्षेप की मांग की है। दिल्ली उच्च न्यायालय इस मामले में एक महत्वपूर्ण मंच बनकर उभरा है। पहले भी अदालत ने अमिताभ बच्चन, ऐश्वर्या राय बच्चन, नागार्जुन, अनिल कपूर, अभिषेक बच्चन और कंटेंट क्रिएटर राज शामानी जैसे कई व्यक्तियों के पक्ष में विस्तृत आदेश जारी किए हैं, जिसमें उनकी पहचान के व्यावसायिक उपयोग को नियंत्रित करने के उनके विशेष अधिकार को मान्यता दी गई है।
अदालत ने केवल पारंपरिक दुरुपयोग तक ही सीमित नहीं रहा है, बल्कि AI-जनित प्रतिरूपण, डीपफेक और अन्य हेरफेर किए गए डिजिटल सामग्री पर भी कड़ी आपत्ति जताई है, जो किसी व्यक्ति की छवि और प्रतिष्ठा को तेजी से विकृत कर सकती हैं। कई फैसलों में, न्यायाधीशों ने जोर दिया है कि ऐसे प्रतिरूपण गोपनीयता, गरिमा और प्रचार अधिकारों का उल्लंघन करते हैं। हालांकि, यह भी स्पष्ट किया गया है कि वैध कलात्मक अभिव्यक्ति, व्यंग्य, समाचार रिपोर्टिंग और टिप्पणी को संवैधानिक सीमाओं के भीतर संरक्षित रखा जाना चाहिए।






