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जब फ़िल्में छोड़ेंगी ओशो के आश्रम में माली बन गए थे विनोद खन्ना, बेटों को सुनने पड़ते थे लोग के ताने

दिवंगत एक्टर विनोद खन्ना (विनोद खन्ना) 70 के दशक में बॉलीवुड के टॉप स्टार्स में से एक थे। हालांकि, करियर की बुलंदियों के बीच उन्होंने एक ऐसा निर्णय लिया, जिससे आगे चलकर उनका पूरा परिवार ही बस्ती गया था। विनोद खन्ना ने अपने अच्छे खासे फिल्मी करियर को बीच में ही छोड़ संन्यास ले लिया था और आचार्य राजेश ‘ओशो’ के आश्रम में माली बन गए थे ।विनोद खन्ना, लगभग 10 साल तक ओशो के प्रभाव में रहे थे और इस दौरान वह पूरी तरह से थे। से उद्योग से अलग हो गए थे। इसका नतीजा यह हुआ कि विनोद के बच्चों, अक्षय खन्ना और राहुल खन्ना को स्कूल में अक्सर ताने सुनने पड़ते थे कि ‘तुम्हारे पिता तो एक साधु के साथ चले गए हैं’। वहीं, विनोद की पत्नी गीतांजलि ने भी उन्हें तलाक ले लिया था। ओशो से मन उचिंग के बाद जब विनोद वापस आए तो ना तो उनके पास परिवार था और ना ही करियर.वापसी के बाद विनोद ने दूसरी शादी कविता दफ्तरी से की जिससे उनके दो बच्चे, बेटा साक्षी खन्ना और बेटी खुशी खन्ना हैं। बता दें कि इस लेजेंड्री स्टार की मौत 27 अप्रैल सन 2017 में कैंसर से हुई थी। विनोद खन्ना की मौत से जुड़ा एक और संयोग है जिसके बारे में कम ही लोग जानते हैं। कीबोर्ड रिपोर्ट्स के अनुसार, विनोद खन्ना और फ़िरोज़ खान की मौत एक ही दिन 27 अप्रैल (फ़िरोज़ खान 27 अप्रैल 2009 और विनोद खन्ना की अप्रैल 2017) को हुआ था और दोनों ही स्टार्स की मौत की वजह कैंसर जैसी घातक बीमारी थी। ।