29 April 2019
मीडिया में कहा गया है कि ‘कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर पार्टी लाइन से हटकर बयान देते हुए कहा है कि मैं कन्हैया कुमार का समर्थक हूं और पार्टी भी ये जानती है। Ó
अधिक संभावना यह है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा के इशारे पर ही दिग्विजय सिंह ने यह कदम उठाया है।
दिग्विजय सिंह ही नहीं बल्कि शत्रुघ्र सिन्हा और उनकी कांग्रेस का नेतृत्व भी दिग्भ्रमित हैं।
>> शत्रुघ्र सिन्हा बिहार के पटनासाहिब लोकसभा सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। बावजूद इसके उनकी पत्नी पूनम सिन्हा सपा की टिकट पर लखनऊ से उम्मीदवार हैं। पत्नी का प्रचार करने शत्रुघ्र सिन्हा लखनऊ गये थे। शत्रुघ्र सिन्हा का कहना था कि पार्टी से बड़ा उनके लिये परिवार है।
>> यहॉ यह भी उल्लेखनीय है कि लखनऊ से ही कांग्रेस के उम्मीदवार प्रमोद कृष्णन हैं। जिस प्रकार से राहुल गांधी जनेऊ धारी ब्राम्हण बन गये हैं उसी प्रकार से प्रमोद कृष्णन भी अपने आपको साधू प्रचारित कर रहे हैं।
प्रमोद कृष्णन ही हैं जिनके इशारे पर दिग्विजय सिंह ने हिन्दू भगवा आतंकवाद को प्रचारित करना प्रारंभ किया था।
इस दृष्टि से २६/११ मुंबई आतंकी हमले में दिग्विजय सिंह ने आरएसएस का हाथ होना बताया था।
इसी कड़ी में मालेगांव बम ब्लास्ट में मनगढऩ तथ्यहीन आधार पर ९ वर्ष तक साध्वी प्रज्ञा भारती को यातनाएं दी गई।
इस संपादकीय के नीचे इस विषय की अलग से चर्चा की गई है।
>> यहॉ यह उल्लेखनीय है कि कन्हैय्या कुमार कम्युनिस्ट पार्टी बेगुसराय में भाजपा के गिरीराज सिंह के विरूद्ध चुनाव लड़ रहे हैं, इसी लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस समर्थित गठबंधन की ओर से आरजेडी मुस्लिम उम्मीदवार भी खड़े हुए हैं।
कन्हैय्या कुमार पर देशद्रोह का मुकदमा चल रहा है। कन्हैय्या कुमार और कांंग्रेस के अनेक नेता भारत की सेना के प्रति अपमानजनक टिप्पणी कर चुके हैं जैसे कि कांग्रेस के संदीप दीक्षित ने आर्मी चीफ विपिन रावत को सड़क का गुंडा तक कह डाला था।
कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणापत्र में अफसा को और देशद्रोह कानून को हटाने का संकल्प लिया है
कांग्रेस ही संभवत: विश्व की ऐसी पार्टी होगी जेा यह घोषणा कर रही हो कि उसके देश में देशद्रोह करना अपराध नहीं है अर्थात कोई भी व्यक्ति, समूह, संस्था देश और उसकी सरकार के प्रति बगावत कर सकती है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा के इशारे पर ही दिग्विजय सिंह ने कहा है कि मैं कन्हैया कुमार का समर्थक हूं और पार्टी भी ये जानती है। इसके कुछ प्रमाण नीचे दिये जा रहे हैं :
- जेएनयू में अफजल गुरू का शहीदी दिवस जिस दिन मनाया जा रहा था उसी दिन कन्हैय्या कुमार की उपस्थिति में कश्मीर की आजादी, केरल की आजादी बस्तर की आजादी, भारत की बर्बादी तक संघर्ष रहेगा जारी आदि जो देशविरोधी नारे लगे थे।
उसके तुरंत बाद राहुल गांधी वामपंथी नेताओं और केजरीवाल के साथ जेएनयू जाकर उन छात्रों की पीठ थपथपाई थी। उनकी दृष्टि में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर कुछ भी किया जा सकता है।
२. असम विधानसभा चुनाव के समय राहुल गांधी ने कांग्रेस का पोस्टर बॉय बनाकर पोस्टर वहॉ लगाये थे।
३. कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणापत्र में अफसा को और देशद्रोह कानून को हटाने का संकल्प लिया है।
>> २६ अप्रैल के लोकशक्ति के संपादकीय में ‘क्या दिग्विजय सिंह के शांतिदूत मास्टरमाइंड के संबंध में चर्चा करते हुए कहा गया था कि बंग्लादेश में ढाका की होटल में जो आतंकी हमला हुआ था और उसके बाद अभी जो श्रीलंका में सीरियल धमाके हुए हैं उसमें आईएसआईएस का हाथ तो है कि परंतु इस आतंकी हमले को अंजाम देने वाले जाकिर नाईक के भाषणों से प्रेरित थे।
>> आज केरल में लंका में हुए हमले के संदर्भ में आईएसआईएस सेे संबंधित दो लोगोंं की गिरफ्तारी हुई है।
यहॉ यह उल्लेखनीय है कि केरल में जो पीएफआई है उसका आईएसआईएस से है। उसके समारोह में भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भी सम्मिलित हो चुके हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा के इशारे पर दिग्विजय सिंह भोपाल लोकसभा को देशद्रोह का अखाड़ा बनाने की ठानी हुई है। उसी कड़ी में कन्हैय्या कुमार को दिग्विजय सिंह अपने चुनाव प्रचार के लिये बुला रहे हैं।
इसी कारण भाजपा ने भी देशद्रोह के विरूद्ध धर्मयुद्ध के प्रतीक के रूप में साध्वी प्रज्ञा भारती को भोपाल लोकसभा के चुनावी मैदान में उतारा है।
उचित तो ये ही रहेगा कि भोपाल लोकसभा क्षेत्र को देशद्रोह का अखाड़ा न बनने दिया जाये।