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Editorial :- चोर-चोर मौसेरे भाइयों के नारे ‘चौकीदार चोर है

14 March 2019

हिन्दू में रफाल मुद्दे पर छपी खबर के तुरंत बाद राहुल गांधी पुन: चिल्ल उठे कि चौकीदार चोर है। हिन्दू के संपादक  एन राम ने ये कहा कि उसे समाचार के तथ्य कहॉ से मिले अर्थात उसके स्त्रोत को जाहिर नहीं करेंगे।

रक्षा मंत्रालय ने राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर दिया है। ञ्जढ्ढरूश्वस् हृह्रङ्ख के पास मौजूद हलफनामे से सामने आया है कि सरकार की तरफ से कहा गया है कि राष्ट्र की संप्रभुता से समझौता हुआ है। बिना इजाजत के दस्तावेजों की फोटोकॉपी की गई। विरोधी के पास इनकी उपलब्धता ने राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाला है।

इससे स्पष्ट है कि चोरों की एक जमात राफेल मुद्दे पर सक्रीय हुई है। प्रश्र यह है कि यह चोरों की जमात सक्रीय क्यों हुई?

उल्टा चोर कोतवाल को डांटे इस कहावत को क्या चोरों की जमात चरितार्थ नहीं कर रही है?

आरोप है किकांग्रेस आदतन चोर है। महात्मा गांधी की अंतिम इच्छा थी कि १९४७ के बाद कांग्रेस को भंग कर दिया जाना चाहिये। उन्हें संदेह था कि १९४७ की पूर्व की कांग्रेस का अपने स्वार्थ के लिये दोहन नेहरू गांधी परिवार करेगा।

इंदिरा नेहरू जी की पुत्री थी। फिरोज खान गांधी  के विवाह के उपरांत कांग्रेंस नेइंदिरा गंाधीÓ खान रहित शब्द   को प्रचारित किया। साजिश यह थी कि भारत की जनता उन्हें और उनके परिवार को महात्मा गांधी के परिवार से संबंधित समझें।

अभी भी आरोप लगाया जा रहा है कि एक साजिश के तहत ही अभी भी उक्त परिभाषा के अनुसार प्रियंका जी को प्रियंका वाड्रा  के स्थान पर प्रियंका गांधी कहकर प्रचारित किया जा रहा है।

इस प्रकार के अनेक उदाहरण कांग्रेस के संबंध में दे सकते हैं और इससे यह कह सकते हैं कि कांगे्रस आदतन चोर है।

कांग्रेस अपनी चोरी को छिपाने के लिये उल्टा चोर कोतवाल को डांटे कहावत को चरितार्थ करने के लिये चौकीदार चोर है का नारा लगा रही है और लगवा रही है।

अनौपचारिक नोट के अनुसार, 2008 में राहुल गांधी द्वारा जमीन खरीदने के बाद, 2012 में, राहुल गांधी ने प्रियंका वाड्रा को जमीन गिफ्ट की थी। यहां यह ध्यान में रखा जाना चाहिए, कि 2008 से 2012 की अवधि में, संजय भंडारी कांग्रेस सरकार के तहत सक्रिय रूप से कमबैक कर रहे थे और वास्तव में, डसाल्ट के ऑफसेट पार्टनर बनने के लिए सक्रिय रूप से कोशिश कर रहे थे। डसॉल्ट ने संजय भंडारी के ऑफसेट पार्टनर बनने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।

हालांकि, भूमि सौदे को स्वीकार करते हुए, कांग्रेस ने राहुल गांधी को भूमि के विक्रेता एचएल पाहवा पर जोर दिया। एचएल पाहवा ने रॉबर्ट वाड्रा और प्रियंका गांधी वाड्रा को भी जमीन बेची थी। हमने रिपोर्ट की थी कि कैसे इस जमीन को बाद में एचएल पाहवा द्वारा रॉबर्ट और प्रियंका गांधी वाड्रा को एक बढ़ी हुई कीमत पर वापस बेच दिया गया था। एचएल पाहवा, वास्तव में भुगतान पर अच्छा करने के लिए नकद भंडार नहीं रखते थे और उन्होंने सीसी थम्पी से पैसे उधार लिए थे, जिनके पास हथियार डीलर संजय भंडारी के साथ कई वित्तीय सौदे हैं।

संयोग से, कांग्रेस द्वारा इस घिनौनी प्रतिक्रिया ने राहुल गांधी को लेनदेन की इस परिपत्र में और भी जटिल बना दिया है। इन लेनदेन कीव्याख्याकरने की कोशिश करते हुए, राहुल गांधी ने परिवार और पाहवा की भूमिका को और अधिक स्पष्ट कर दिया है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी पाहवा से ज़मीन खरीदी थी और उसे वापस फुलाकर बेच दिया था और इसलिए रॉबर्ट वाड्रा भी थे। अब, कांग्रेस ने स्वीकार किया कि भूमि को राहुल गांधी ने एचएल पाहवा से खरीदा था और प्रियंका गांधी वाड्रा को उपहार में दिया था।

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राहुल गांधी के भूमि सौदा का सम्बन्ध हथियार डीलर संजय भंडारी से..

जमीन खरीदी गई और उसे प्रियंका को उपहार में दिया गया, एचएल पाहवा संजय भंडारी के साथ डील के लिंक पर राहुल गांधी की रहश्यमय चुप्पी।

इसी अंक में प्रथम पृष्ठ में प्रकाशित समाचार से उक्त आशय स्पष्ट हो जाता है।