27 February 2019
आज पाकिस्तान के बालाकोट जो आतंक का गढ़़ है, वहॉ भारतीय वायुसेना ने तबाह किये हैं जैश के ठिकाने।
इस ऐतिहासिक क्षण में कुछ ऐतिहासिक तथ्य हैं जो इतिहास में सदैव स्वर्णाक्षरों से लिखे जायेंगे। विश्व इन्हें कभी भुला नहीं पाएगा।
अमेरिका ने भी पाकिस्तान पर एयरस्ट्राईक के जरिये ओसामा बिन लादेन को मार गिराया था। परंतु आज की भारत की एयर स्ट्राईक उससे भी बड़ी एयर स्ट्राईक है। अमेरिका की एयर स्ट्राईक उस समय के पाकिस्तान की सरकार और पाक सेना की अनुमति से की गई थी। हमारी वायु सेना की यह एयर स्ट्राईक उस समय की गई जब पाकिस्तान और उसकी सेना पूरी तरह से सतर्क थी क्योंकि उन्हें अंदेशा हो चुका था कि भारत कोई न कोई बड़ा कदम उठायेगा।
पाकिस्तान हर समय कहते रहा है कि वह स्वयं आतंकवाद से पीडि़त है। उनके इस कथन पर प्रतिक्रिया देते हुए हमारे यहॉ के ग्रहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा भी था कि पाकिस्तान चाहे तो भारत उसकी मदद कर सकता है आतंक विरोधी अभियान में।
कर्नल (रिटायर्ड) जीएम खान कस यह कथन सत्य है कि : आज हमारी वायु सेना ने जो एयर स्ट्राईक की है उससे तो पाकिस्तान को खुश होना चाहिये कि हम पाकिस्तान को आतंकवाद मुक्त बना रहे हैं।
हमने किसी देश के खिलाफ मोर्चा नहीं खोला है. ये हमला आतंकवाद पर है. जैश–ए–मोहम्मद को तबाह किया गया है।
२१ मिनट में एलओसी पार कर पाकिस्तान में घुसना और अपने टारगेट को सफल अंजाम देकर सुरक्षित वापस लौट आना एक बहुत बड़ी ऐतिहासिक घटना है।
१९६५ में लाल बहादुर शास्त्री ने हमारी सेना को यह अनुमति दी थी कि आवश्यक्ता पड़े तो एलओसी को भी पार कर सकती है। इसके पूर्व पंडित नेहरू ने भी कभी इस प्रकार की अनुमति देने का साहस नहीं किया था।
शास्त्री जी के उक्त निर्णय का ही नतीजा था कि हमारे यहॉ की सेना एलओसी पार कर लाहौर तक घुस गई थी और वहॉ तिरंगा फहरा दिया था।
इसके बाद १९७१ का बंगलादेश लिब्रेशन वार हुआ। उसके बाद से एलओसी पार कर कभी भी एयरस्ट्राईक नहीं हुई थी।
मोदी सरकार के शासनकाल में ही पहली सर्जिकल स्ट्राईक हुई जिसमेें हमारे यहॉ के कमांडो पीओके में घुसेे और आतंकी ठिकानों को नष्ट कर वापस लौट आए थे सुरक्षित।
अभी की सर्जिकल एयर स्ट्राईक बहुत बड़ी घटना है जिसमेें ४०० से अधिक आतंकवादी मार गिराये गये जिनमें अजहर मसूद के भाई, साले और जैश के २५ अन्य कमांडर ढेर कर दिये गये।
>> भारतीय सेना का म्यांमार में ऑप्रेशन– हृस्ष्टहृ के उग्रवादियों ने 4 जून 2015 को मणिपुर के चंदेल में फौज की टुकड़ी पर हमला किया था. इस आतंकी हमले में 18 जवान शहीद हुए थे.10 जून 2015 को इस हमले का बदला लेने के लिए भारतीय जवानों ने म्यांमार की सीमा में घुसकर 40 मिनट के ऑपरेशन में सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था. तब फौज ने म्यांमार में दाखिल होकर आतंकी संगठन हृस्ष्टहृ के टेरर कैंप को तबाह किया था.
इस सर्जिकल स्ट्राईक के बाद मुशर्रफ ने कहा था कि पाकिस्तान म्यांमार नहीं है। भारत पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राईक करके दिखाये।
परंतु मोदी सरकार ने एक बार नहीं बल्कि दो बार सर्जिकल स्ट्राईक करके दिखा दिया।
इतना ही नहीं जिस मुशर्रफ ने उस समय कहा था कि परमाणु बम पाकिस्तान ने शब–ए–बारात के लिये नहीं बनाए। उसी मुशर्रफ को पुलवामा हमले के बाद पड़ा कि अगर पाकिस्तान ने एक न्युक्लियर बम फेंका तो भारत २० बम फेंक कर कर देगा पाकिस्तान को फिनिश।
अतएव अब पाकिस्तान को यह समझ जाना चाहिये कि यदि वह आतंकवाद के गढ़ को वहॉ पालते रहा और भारत के विरूद्ध प्राक्सी वार जारी रखा तो उसके न्युक्लियर धरे रह जायेंगे और भारत आज जो एयर स्ट्राईक किया है उसी प्रकार की एयर स्ट्राईक कर उसके आतंकी ठिकानों को ही तहस नहस नहीं करेगा बल्कि पाकिस्तान के चार टुकड़े भी हो जायेंगे।
अंत में इस संपादकीय का सार यह है कि गीतोपदेश के अनुरूप ही पाक के आतंक पर हमारे यहॉ के वायुसेना ने एयर स्ट्राईक की है।
इस्कॉन टेंपल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया 800 किलो की गीता का अनावरण किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इशारों में पाकिस्तान पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मानवता के दुश्मनों से धरती को बचाने के लिए प्रभु की शक्ति हमारे साथ हमेशा रहती है। यही संदेश हम पूरी प्रामाणिकता के साथ दुष्ट आत्माओं, असुरों को देने का प्रयास कर रहे हैं। पीएम ने इतना कहा तो सभा में मौजूद लोग तालियां बजाने लगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां गीता के महत्व पर बोले और उन्होंने कहा कि अमीर हो या गरीब दुनिया भर में लोग गीता को अपने घर पर रखते हैं। इस ग्रंथ में जीवन के कई सबक बताए गए हैं। पीओके के अंदर आतंकी कैंपों पर हवाई हमले के बाद कार्यक्रम में शामिल हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘मानवता के दुश्मनों से धरती को बचाने के लिए प्रभु की शक्ति हमेशा हमारे साथ रहती है। यही संदेश हम पूरी प्रमाणिकता के साथ दुष्ट आत्माओं और असुरों को देने का प्रयास कर रहे हैं।Ó
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत । अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्? ॥
भावार्थ : हे भारत! जब–जब धर्म की हानि और अधर्म की वृद्धि होती है, तब–तब ही मैं अपने रूप को रचता हूँ अर्थात साकार रूप से लोगों के सम्मुख प्रकट होता हूँ॥7॥
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