25-01-2021
गृह मंत्री अमित शाह इस समय किसी भी शत्रु को बशने के मूड में नहीं लगते। हाल ही में गुवाहाटी के दौरे पर उन्होंने न केवल नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्म के 125 वें वर्षगांठ के अवसर पर उन्हें नमन किया, अपितु वुहान वायरस की वैसीन का विरोध करने वालों को भी आड़े हाथों लेते हुए उन्हे अपने खोखले दावे सिद्ध करने की चुनौती दे डाली।
गुवाहाटी में अमित शाह सशस्त्र सुरक्षा बल के लिए आयुष्मान ष्ट्रक्कस्न कार्ड का उद्घाटन के कारण पहुंचे थे। इस कार्ड के जरिए सशस्त्र सुरक्षा बल के जवान, चाहे वो ष्टक्रक्कस्न के हों, या फिर क्चस्स्न या फिर के ही यों न हो, सभी को देश में कहीं भी अपने और परिवार के सदस्यों का सुगम इलाज करने की सुविधा मिलेगी।
सबोधन के दौरान अमित शाह ने वुहान वायरस को लेकर भारत के अभियान का जिक्र किया और कहा, “कोरोना महामारी के विरुद्ध हम अच्छे से लड़ पाए, योंकि नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार एवं 130 करोड़ भारतीयों ने एक होकर ये लड़ाई लड़ी। हर भारतीय को इसका गर्व है कि पूरी दुनिया में जिन देशों में सबसे ज्यादा कोरोना रिकवरी रेट है, और सबसे कम मृत्यु दर है उनमें भारत का नाम है” लेकिन अमित शाह केवल वहीं पे नहीं रुके। उनके अनुसार, “कोरोना टीके पर जो राजनीति कर रहे हैं, जो तरह-तरह की अफवाहें फैला रहे हैं, उन्हें मैं कहना चाहता हूँ कि राजनीति करने के लिए कई सारे मंच है, आ जाना, दो-दो हाथ कर लेंगे, कोई दिक्कत की बात नहीं।
लेकिन लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ी जो चीज़ें हैं, हमारे वैज्ञानिकों ने मेहनत कर जो टीका बनाया है, उस पर यों राजनीति कर रहे हो? आप हमारे वैज्ञानिकों की क्षमता का अपमान कर रहे हो” यहाँ पर उनका निशाना स्पष्ट तौर पर उन विपक्षी नेताओं पर केंद्रित था, जो वुहान वायरस की वैसीन को लेकर तरह-तरह की अफवाहें फैला रहे थे। चाहे वो काँग्रेस के सांसद मनीष तिवारी हो, जिनके अनुसार पीएम मोदी इसलिए वैसीन नहीं ले रहे, योंकि उसमें कुछ झोल है, या फिर अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी हो, जिसके अनुसार ये बीजेपी की वैसीन है, जिससे जनसं या नियंत्रण होगा और लोग नपुंसक भी हो सकते हैं।
स्थिति यह हो गई थी कि स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन को स्वयं कई प्रेस कॉन्फ्रेंस और ट्वीट्स के माध्यम से निरंतर स्पष्टीकरण देना पड़ा है। लेकिन अमित शाह अब इन अवसारवादियों को जरा भी ढील देने के मूड में नहीं है। उन्होंने इन अराजकतावादियों को चर्चा की चुनौती देकर ये सिद्ध कर दिया है कि वे अपने रुख से पीछे हटने वाले नहीं है, और उनकी सरकार न सिर्फ जनता की सेवा करेगी, बल्कि विरोध के नाम पर अफवाह फैलाने वालों को भी कडा सबक सिखाएगी।
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