26 November 2018
आज के समाचार के अनुसार दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने इस्लामिक स्टेट ऑफ जम्मू एंड कश्मीर (ढ्ढस्छ्व्य) के तीन आतंकियों को गिरफ्तार करने में बड़ी कामयाबी हासिल की है। इन आतंकियों के पास से हथियार, ग्रेनेड और विस्फोटक भी बरामद हुए हैं, गिरफ्तार किए गए ये तीनों आतंकी जम्मू–कश्मीर के रहने वाले हैं। जम्मू–कश्मीर के त्राल निवासी ताहिर अली खान, बडगाम निवासी हरीश मुश्ताक खान और रैनावाड़ी निवासी आसिफ सुहैल नडाफ के रूप में हुई है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हत्या करने हेतु हाफिज सईद ने एक आत्मघाती दस्ते को भारत भेजा है। यह आत्मघाती दस्ता लुटियंस जोन दिल्ली में ट्रैकिंग कर रहा है। हमारे यहॉ की खुफिया तंत्र और सेना तथा पुलिस मुस्तैदी से उन पर निगाह रखी हुई हैं हम आशा करते हैं कि जिस प्रकार से ढ्ढस् के मॉड्यूल के ३ आतंकवादी आज अरेस्ट हुए हैं उसी प्रकार से ये भी यथाशीघ्र पकड़े जायेंगे।
टाईम्स नाऊ ने एक्सपोज किया है कि लुटियंस जोन दिल्ली में प्रधान मंत्री मोदी को ट्रैक करते हुए एलटी ने हफीज सईद के आदेश पर उन्हें मारने की योजना बनाई है।
एक आंतरिक सुरक्षा खुफिया ब्यूरो नोट ने खुलासा किया है कि लश्कर–ए–तैयबा (एलईटी) का एक स्लीपर सेल पीएम नरेंद्र मोदी को लक्षित करने के लिए भारत के सबसे सुरक्षित क्षेत्र में घुस गया है। एलईटी ऑपरेटर बेहद सुरक्षित लुटियन्स जोन में पीएम मोदी के आंदोलन को ट्रैक कर रहे हैं। टाइम्स नाउ द्वारा उपयोग की गई रिपोर्टों के मुताबिक, एलटी मौत के दल ने 7 लोक कल्याण मार्ग से दक्षिण ब्लॉक कार्यालय में प्रधान मंत्री के मार्ग का पुनर्मूल्यांकन किया है।
मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के आदेश पर निकट भविष्य में पीएम मोदी की हत्या के लिए मौत के दल को आदेश दिया गया है।
खुफिया ब्यूरो ने इस रिपोर्ट को प्राप्त करने के बाद रायसिना पहाडिय़ों पर एक अभूतपूर्व सुरक्षा पुनर्जीवित कर दी है। प्रधान मंत्री के अलावा, अन्य वीवीआईपी को विशेष रूप से एलईटी, जयश–ए–मोहम्मद, हिजब–उल–मुजाहिदीन जैसे इस्लामवादी संगठनों से उच्च स्तर का खतरा सामना करना पड़ता है।
यह खुशी की बात है कि उक्त आतंकवादी आत्मघाती दस्ते पर हमारे यहॉ के खुफिया तंत्र और सुरक्षातंत्र दोनों की निगाहे हैं। आशा है उनकी शीघ्र गिरफ्तारी होगी।
ढ्ढस्छ्व्य के इन आतंकियों की गिरफ्तारी से पहले अमृतसर के निरंकारी भवन में हुए हमले में दो आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था, जिनकी पहचान विक्रमजीत सिंह और अवतार सिंह के रूप में हुई है।
ये हमला उस वक्त हुआ था जब लोग प्रार्थना के लिए एकत्र हुए थे। वहां करीब 200 लोग मौजूद थे। बता दें कि देश–विदेश में निरंकारी अनुयायियों की संख्या लाखों में है। इसका मुख्यालय दिल्ली में है, इस हमले के लिए पैसा और ग्रेनेड पाकिस्तान में बैठे खालिस्तानी आतंकी हरमीत सिंह उर्फ पीएचडी ने मुहैया करवाया था।
इससे स्पष्ट है कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के अलावा हमें आईएस और खालिस्तानी आतंक से भी सतर्क रहना है।
अफसोस इस बात का है कि उक्त तीनों प्रकार की आतंंकवादी गतिविधियों को प्रोत्साहन हमारे यहॉ के वोट बैंक पॉलिटिशियंस कर रहे हैं।
पंजाब मेें खालिस्तानी आतंकवादियों की घुसपैठ में भी हाफिज सईद तथा अन्य पाकिस्तान में स्थित आतंकी संगठन प्रोत्साहन दे रहे हैं। हमारे यहॉ के वोट बंैक पॉलिटिशियंस विशेषकर कांग्रेस भी उसमें फंसते जा रही है।
सोनिया गांधी और राहुल गांधी के निर्देश पर मणिशंकर अय्यर जाकर पाकिस्तान से मोदी सरकार को हटाने के लिये सहायता की मांग कर चुके हैं। उसके बाद उन्हीं के पद चिन्हों पर चलते हुए नवजोत सिंह सिद्धू भी इमरान खान और वहॉ के सेनाप्रमुख बाजवा से गले मिल चुके हैं। पुन: वे इमरान खान के मेहमान बन पाकिस्तान जाने के लिये उतावले हैं।
हम आशा करते हैं कि हमारे यहॉ के वोट बैंक पॉलिटिशियंस वोट के लिये देश की सुरक्षा को संकट में नहीं डालेंगे। हम सभी को देश की एकता और सुरक्षा के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वाह करते हुए सतर्क और सतत् सजग रहना है।
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