November 15, 2018
हिटलर के प्रचारमंत्री गोएबल्स के क्लोन राहुल गांधी कैसे हैं? इसके अलावा प्रश्र यह भी है कि फिरोज खान के पौत्र जनेऊधारी राहुल गांधी क्या वास्तव में हिन्दुत्ववादी हैं?
जनेऊधारी राहुल गांधी जो अपने आपको राम भक्त कहते हुए मंदिर–मंदिर के दरवाजे खटखटा रहे हैं। ११ दिसंबर से संसद का शीत कालीन अधिवेशन होने जा रहा है। क्या राम मंदिर पर कानून लाने या उसका समर्थन देने में कांग्रेस पहल करेगी?
कांग्रेस के बड़े नेता शशि थरूर ने एक बार फिर से विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा, ‘Óदेश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की वजह से ही आज एक चायवाला प्रधानमंत्री बन सका है.ÓÓ
शशि थरूर के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने कड़े शब्दों में निंदा की है। नेहरू की वजह से एक चायवाले के देश का प्रधानमंत्री बनने संबंधी शशि थरूर के कथित बयान पर पलटवार करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को कहा कि नेहरू खुद पहली बार अनुकंपा से प्रधानमंत्री बने थे जबकि मोदी जनसमर्थन से स्पष्ट बहुमत पाने वाले प्रधानमंत्री हैं।
अब देखना ये होगा कि चुनाव के मौसम में क्या कांग्रेस पार्टी शशि थरूर को पार्टी से निलंबित करेगी क्योंकि गुजरात चुनाव के दौरान जब कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नीच कहा था तब पार्टी ने उन्हें निलंबित कर दिया था।
ए के एंटोनी कमेटी ने स्पष्ट किया था कि कांग्रेस की लगातार हार होने का कारण यह है कि कांग्रेस को जनता मुस्लिम पार्टी मानती है। इस छवि को हटाने के लिये फिरोज खान के पौत्र राहुल गांधी बहुरूपीये जनेऊधारी ब्राम्हण बनकर मंदिर–मंदिर भटक रहे हैं और अपने आपको राम भक्त तथा शिव भक्त कह रहे हैं।
येन–केन–प्रकारेण प्रधानमंत्री बनने की लालसा में वे जनता की आंखो में धूल झोंक रहे हैं। यदि ऐसा नहीं है तो उन्हें राम मंदिर के संबंध में अपने विचार प्रकट करना चाहिये। यूपीए शासनकाल में सोनिया गांधी के निर्देश पर सुप्रीम कोर्ट में तत्कालीन मंत्री अंबिका सोनी ने हलफनामा देकर यह स्पष्ट किया था कि राम काल्पनिक हैं उनकी कोई हस्ती नही है। इस हलफनामे के संबंध में क्या अपने आपको हिन्दू रक्षक, हिन्दुत्व वादी ब्राम्हण कहने वाले राहुल गांधी माफी मांगेंगे?
ए के एंटोनी कमेटी ने ठीक ही कहा था कि कांग्रेस एक मुस्लिम पार्टी है। यह अभी का सत्य नहीं है बल्कि १९४६ से ही यह परंपरा चली आ रही है।
इस संपादकीय के नीचे १९४६ में कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में किस प्रकार से मौलाना आजाद को और वल्लभ भाई पटेल को प्रधानमंत्री नहीं बनने दिया गया और उसकी अपेक्षा पंडित नेहरू को गांधी ने अपनी कृपा से कांग्रेस का अध्यक्ष बनकर प्रधानमंत्री बनने का अवसर प्रदान किया इसका विवरण है।
इसके अलावा हम यदि राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी की चर्चा करें तो हिन्दू वोट पाने के लिये उन्होंने जहॉ एक ओर राम लला के कपाट में लगा ताला खुलवाया वहीं दूसरी ओर मुस्लिमों के वोट प्राप्त करने के लिये सुप्रीम कोर्ट ने शाहबानों केस में जो निर्णय लिया था उसे पलटवाने संबंधी कानून संसद में पारित करवाया।
पंडित नेहरू के सेक्युलरिज्म के संबंध में तो उन्होंने स्वयं ही जो कहा है उससे ही नेहरू गांधी डायनेस्टी के मौका परस्ती की झलक मिल जाती है। पंडित नेहरू ने कहा था कि वे घटनावश हिन्दू पैदा हुए हैं, संस्कृति से मुस्लिम हैं और शिक्षा से अंग्रेज।
यदि वास्तव में राहुल गांधी अपने आपको हिन्दू समझते हैं, राम भक्त समझते हैं तो राम मंदिर पर कानून लाने या उसका समर्थन देने में उन्हें पहल करनी चाहिये।
More Stories
चीन के पसरते पांव पर लगाम लगाना आवश्यक
चीन के पसरते पांव पर लगाम लगाना आवश्यक
श्रीलंका को कर्ज मिलना राहत की बात