२५ अगस्त को गहलोत के कार्यक्षेत्र राजस्थान के टोंक के मालपुरा में कावड़ यात्रियों पर हमला हुआ था। जिसमें १० घायल और १० लापता हो गये थे। टोंक में इस प्रकार की घटनाएं प्राय: होते रहती हैं। इसके पीछे कांग्रेस का राजनीतिक संरक्षण मिलना है। स्मरण रहे यहॉ से इसी कारण पहले मोहम्मद अजरूद्दीन लोकसभा का चुनाव लड़े थे।
आज राजस्थान का एक दूसरा समाचार है :भारत में हो रहा देशद्रोह,खुलेआम बिक रहे ‘आई लव पाकिस्तानÓ लिखे गुब्बारे।
निश्चित ही इन सबके पीछे कांग्रेस की वोट बैंक पॉलिटिक्स है। पाकिस्तान की सहायता से कांगे्रस येन–केन–प्रकारेण सत्ता हथियाना चाहती है। भारत और भारत के प्रधानमंत्री के विरूद्ध षडयंत्र की कड़ी में ही मणिशंकर अय्यर तथा नवजोत सिद्धू की पाकिस्तान यात्रा हुई थी।
गुजरात विधानसभा चुनाव के समय मणिशंकर अयय़र के घर में रात्रि को पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पाक राजदूत के साथ रात्रिभोज में मनमोहन सिंह भी इसी उद्देश्य से शामिल हुए थे।
अब राहुल गांधी की मानसरोवर यात्रा के पीछे धार्मिक भावना नहीं बल्कि चीन के साथ मिलकर सत्ता हथियाने के षडयंत्र की रूप रेखा बनाना ही है।
यहॉ यह उल्लेखनीय है कि १९६२ में चीन ने युद्ध के समय हिमालय तराई के भूभाग को जिसमें मानसरोवर भी सम्मिलित है हथिया लिया था। लोकसभा में जब महावीर सांसद ने नेहरू से प्रश्र किया था तो पं.नेहरू ने जवाब दिया था कि वहॉ तो घास–फंूस भी नहीं उगते हैं। यदि चीन ने हड़प लिया तो क्या हुआ। इस पर महावीर जी ने उत्तर दिया कि मेरा सिर गंजा है बाल नहीं है तो क्या मेरे सिर को भी……
कांग्रेस और राहुल गांधी का एकमात्र उद्देश्य हिन्दुओं को बांटना और देश के टुकड़े–टुकड़े करना ही है।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के समय हार्दिक पटेल के माध्यम से पटेल समुदाय को रिजर्वेशन के जाल में फंसाकर हिन्दुओं को बांटने का षडयंत्र हुआ।
इसी प्रकार से कर्नाटक विधानसभा चुनाव के समय लिंगायत समुदाय को हिन्दुओं से अलग करने के लिये जब सिद्धारमैय्या मुख्यमंत्री थे तब प्रयास हुआ था।
देश को अनेक टुकड़ों में विभाजित करने की कड़ी में ही कर्नाटक के लिये अलग झण्डे की रूप–ेरेखा चित्र सिद्धारमैया ने राहुल गांधी के इशारे पर प्रस्तुत किया था।
यहॉ यह उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व जेएनयू में अफजल गुरू के शहीदी दिवस जिस दिन मनाया जा रहा था उस दिन जिन छात्र नेताओं कन्हैय्य़ा कुमार और उमर खालिद की उपस्थिति में भारत तेरे टुकड़ें होंगे, कश्मीर मांगे आजादी, केरल मांगे आजादी, बस्तर मांगे आजादी भारत की बर्बादी तक संघर्ष रहेगा जारी आदि नारे लगे थे। तुरंत उसके बाद इन छात्र नेताओं की पीठ थपथपाने के लिये राहुल गंाधी वामपंथी नेताओं के साथ जेएनयू पहुंचे थे।
हिन्दू समुदाय के विरूद्ध दलितों को भड़काने की दृष्टि से ही रोहित वेमुला के मुद्दे पर हैदराबाद युनिवर्सिटी पहुंचकर इन्हीं नेताओं ने अलगाववादी हिंसा का वातावरण उत्पन्न किया था।
अब सवर्ण आंदोलन को हिंसात्मक बनाकर देश को बांटने की साजिश कांग्रेस कर रही है। यहॉ यह उल्लेखनीय है कि हिंसा जहॉ भड़की है वे प्रांत राजस्थान और मध्यप्रदेश ही हैं जहॉ पर विधानसभा के चुनाव होने हंै। बिहार तो इस प्रकार की हरकतों के लिये साफ्ट कार्नर रहता ही है।
सच पूछा जाये तो केम्ब्रिज एनालिटिका और हॉवर्ड युनिवरसिटी के प्रोफेसर जॉर्डिंग के कहने पर ही यह सब अप्रजातांत्रिक हिंसात्मक अलगाववादी गतिविधियां कांग्रेस कर रही है।
कैंब्रिज एनालिटिका और हावर्ड युनिवर्सिटी के प्रोफेसर के कहने पर बदलता रहता है कांग्रेस और राहुल गांधी का डीएनए!
केम्ब्रिज एनालिटिका के जरिए राहुल गांधी ने फेसबुक से डाटा चुराये थे? अभी कुछ दिनों पूर्व जब राहुल गांधी जर्मनी और यूके की यात्रा पर गये थे तब उन्होंने हावर्ड के प्रोफेसर जोर्डिंग को २०१९ लोकसभा चुनाव के लिये अपना सलाहकार नियुक्त किया।
05 सितंबर, 2018
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस के डीएनए में ब्राह्मण समाज का खून है।
11 जुलाई, 2018
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने साफ कहा कि “हां, कांग्रेस मुस्लिम पार्टी हैÓÓ।
29 नवंबर, 2017
कांग्रेस पार्टी ने कहा कि राहुल गांधी हिंदू ही नहीं बल्कि जनेऊधारी हिंदू हैं।
सवाल उठता है कि आखिर राहुल गांधी हैं क्या? आखिर कांग्रेस पार्टी का वस्तविक डीएनए आखिर है क्या? दरअसल यह डीएनए का वह क्वालिटी है जो चुनावी मिजाज के अनुसार बदलता रहता है। राहुल गांधी और कांग्रेस का डीएनए न हिंदू का है और न ही ब्राह्मण काज् इनका डीएनए गिरगिट का है, जो कुछ ही दिनों में रंग बदलता रहता है।
दरअसल यह सारा तिकड़म इसलिए किया जा रहा है कि कांग्रेस जानती है कि हिंदू समुदाय जातियों में बंटा हुआ है इसलिए इसे आसानी से मूर्ख बनाया जा सकता है। यही सोच कर पहले कैंब्रिज एनालिटिका की सेवा ली गई जिसने हिंदू समाज को जातियों में बांटने की साजिश रची ताकि कांग्रेस को इसका फायदा मिल सके।
>> जातियों में टकराव पैदा कर राजनीति चमका रही कांग्रेस >> सवर्णों के नाम पर हिंसा की खतरनाक प्लानिंग >> दलितों को बदनाम करने की ‘डर्टी पॉलिटिक्सÓ >> सवर्ण–दलित टकराव की साजिश रच रही कांग्रेस >> टकराव पैदा करने के लिए करणी सेना–कांग्रेस की मिलीभगत >> सोशल मीडिया के जरिये टुकड़े–टुकड़े करने की साजिश >> देश की जनता कांग्रेस की साजिश को पहचानेगी?
कुछ दिन पहले कैंब्रिज एनालिटिका के एक पूर्व अधिकारी क्रिस्टोफर विली ने माना था कि कंपनी को भारत में जातीय आधार पर गृहयुद्ध कराने की तैयारी है। जाहिर है लोग कांग्रेस की इस साजिश को समझना पड़ेगा और यह सुनिश्चित करना पड़ेगा कि लोग इस साजिश का मोहरा न बनें!
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