खडग़े की राहुल गांधी को सलाह– क्रस्स् जहर है, चखना जरूरी नहीं। कांग्रेस के क्रियाकलापों और राहुल गांधी के अभी हाल ही में जर्मनी और यूके में दिये वक्तव्यों से यह स्पष्ट है कि कांग्रेस के लिये आईएसआईएस अमृृत है।
>> मणिशंकर अय्यर और नवजोत सिद्धू ने अपनी पाकिस्तान यात्रा में जो प्रतिक्रिया दी है उससे सिद्ध होता है कि कांग्रेस और राहुल गांधी के लिये आईएसआई ऑक्सीजन है।
>> राहुल गांधी बहुरूपीये वेश में अब जनेऊधारी शिव भक्त ब्राम्हण बन चुके हैं। एक प्रकार से यह बहुरूपीया रूप प्रकट करता है कि राहुल गांधी गुरमीत रामरहीम और आसाराम बापू के क्लोन हैं।
कांग्रेस पार्टी और उनके नेताओं का १९४७ के बाद से प्रारंभ से ही इतिहास रहा है कि उनका और कम्युनिस्ट पार्टियों का चोली–दामन का रिश्ता रहा है।
>> सुभाष चंद्र बोस की हत्या स्टालिन और ब्रिटेन के उस समय के प्रधानमंत्री एटली के माध्यम से किसने करवाई थी यह इतिहास के पन्ने पलटने से स्पष्ट हो जाता है।
>> पंडित नेहरू के रक्षामंत्री कामरेड कृष्ण मेनन थे। इन्हीं दो कामरेडों की वजह से १९६२ में भारत को चीन से हार का सामना करना पड़ा परिणाम यह हुआ कि हिमालय तराई की भूमि जिसमें मानसरोवर भी सम्मिलित है उस पर चीन का कब्जा हो गया।
आलोचना से बौखलाकर प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने गुस्से में कहा : अरे! अरे यह कया बेहूदगी है? लद्दाख और अक्साईचीन में तो घास तक पैदा नहीं होती फिर आप इस क्षेत्र को लेकर इतना हंगामा क्यों कर रहे हैं?
नेहरू का यह कथन कांगे्रस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व रक्षामंत्री महावीर त्यागी को बर्दाश्त नहीं हुआ। वह अपनी सीट से खड़े हो गए और कहा : आप बात की गंभीरता को नहीं समझते हैं। यदि कोई क्षेत्र बंजर भी है तो वह हमारी मातृभूमि का अंग है। उसे किसी अन्य देश को सौंपने की हिम्मत कौन कर सकता है? मेरा सिर बिल्कुल गंजा है तो मै क्या इसे काटकर दोस्ती के खातिर किसी को सौंप दूं? आप बात क्या कर रहे हैं?
नेहरू अपनी ही पार्टी के एक वरिष्ठ नेता की आलोचना से बुरी तरह बौखला गए। उनका चेहरा लाल हो गया और वो भिन–भिनाते हुए सदन से उठकर बाहर चले गए। (हम लोग प्रेस–गैलरी में बैठे हुए इस नोंक–झोंक का आनंद ले रहे थे)
राहुल गांधी कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर निकल रहे हैं. कैलाश की यात्रा भक्ति का नमूना है लेकिन मकसद राजनीतिक है. राहुल की यात्रा से कांग्रेस के नेता खुश हैं. कांग्रेस को लग रहा है कि बीजेपी हिंदुत्व की काट का ये सही तरीका है. राहुल गांधी की मानसरोवर की यात्रा लोकसभा चुनाव से पहले है. इसके बाद आम चुनाव के बाद ही ये यात्रा शुरू होगी.
31 अगस्त से राहुल गांधी चीन तिब्बत के रास्ते मानसरोवर तक जा रहे हैं. तकरीबन पंद्रह दिन राहुल गांधी सक्रिय राजनीति से दूर रहेंगे. इस यात्रा के ज़रिए राहुल गांधी दिखाने की कोशिश करेंगे अपना बहुरूपीया रूप।
इंदिरा गंाधी के समय तो पूरी सरकार रूस की केजीबी की मु_ी में थी। उस समय केजीबी के दिल्ली में प्रमुख अधिकारी अभी के रूस के राष्ट्रपति पुतिन ही थे।
इंदिरा गांधी के कीचन में भी कम्युनिस्ट विचारधारा वालों का ही कब्जा था।
राजीव गांधी के अंगरक्षक भी रसीया से बुलाये गये थे।
सोनिया गांधी के पिता जी तो मुसोलिनी की पार्टी में सम्मिलित थे। उन्हें कुछ समय के लिये इसी कारण रूस की जेल में भी रखा गया था।
अतएव अभी राहुल गांधी की जो ट्वीट हाऊस अरेस्ट शहरी नक्सलियों या माओविस्ट समर्थकों जिन्हें कि मानवाधिकार के रक्षक भी कहा जा रहा है उसके संबंध में की है। उससे स्पष्ट हो जाता है कि राहुल गांधी भी अपने परनाना, दादी और माता पिता के पदचिन्हों पर चल रहे हैं।
आज राहुल गांधी के निर्देश पर दिव्या रम्या ने एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होंंने भी संघ को मुस्लिम ब्रदरहुड की संज्ञा दी है। राहुल गांधी व कांग्रेस के लिये आरएसएस जहर है और आईएसआईएस अमृत है तथा आईएसआई ऑक्सीजन है।
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