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बहुत याराना है कांग्रेस और फारूक अब्दुल्ला का, कश्मीरी भारतीय महसूस नहीं करते, चीनी शासन पसंद करते हैं: फारूक अब्दुल्ला

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ 2008 में राहुल गांधी ने एमओयू संधि पर हस्ताक्षर क्यों किये ?

बहुत याराना है कांग्रेस और फारूक अब्दुल्ला का कश्मीरी भारतीय महसूस नहीं करते, चीनी शासन पसंद करते हैं: फारूक अब्दुल्ला चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ 2008 में राहुल गांधी ने एमओयू संधि पर हस्ताक्षर क्यों किये ?

कश्मीरी भारतीय महसूस नहीं करते, चीनी शासन पसंद करते हैं: फारूक अब्दुल्ला
“आज कश्मीरी भारतीय महसूस नहीं करते और न ही भारतीय बनना चाहते हैं। वे गुलाम हैं। उन्होंने
इसके बजाय चीनी शासन किया होगा, फारूक अब्दुल्ला अनुभवी पत्रकार और टेलीविजन
टिह्रश्वपणीकार करण थापर को एक साक्षात्कार में कहा। बहुत याराना है कांग्रेस और फारूक अब्दुल्ला का : चीन की कयुनिस्ट पार्टी के साथ भारत की कयुनिस्ट पार्टियों का ही नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी का भी चोली दामन का भी साथ रहा है। 2008 में कांग्रेस पार्टी की ओर से बीजिंग में राहुल गांधी ने सोनिया गांधी की उपस्थिति मे कयुनिस्ट पार्टी के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किय थे। प्रश्र यह उठता है कि राहुल गांधी ने उक्त दुर्लभ संधि पर हस्ताक्षर क्यों किये।

कांगे्रस पार्टी के लोकसभा में नेता अधीररंजन चौधरी ने चीन के बारे में जो ट्विट किया था उससे राहुल गांधी और सोनिया गांधी नाराज हो गये थे। इसके कारण से अधीर रंजन चौधरी को अपना ट्विट डिलीट भी करना पड़ा था।

यही कारण है कि राहुल गांधी अब सेना ने गलवान घाटी पर हुई मुठभेड़ पर चीनी सैनिकों पर
गोली यों नही चलाई इस प्रकार की ट्विट किये हैं। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि राहुल
गांधी को 1996 में हुए चीन के साथ समझौता याद होना चाहिए. अगर आप पढ़े लिखे नहीं हैं, जानकारी नहीं हैं तो घर में बैठकर लॉकडाउन का इस्तेमाल करते हुए कुछ किताबें ही पढ़ कर तथ्यों को समझ लेते. कांग्रेस की सरकारों के वक्त में ही चीन से हुए समझौते में तय किया गया था कि एलएसी के दो किलोमीटर रेंज में गन, बम इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. दोनों और से कोई गोली नहीं चलाई जाएगी, विस्फोटक का इस्तेमाल नहीं होगा और न ही हथियार के साथ सैनिक रहेंगे. या इसलिए चीन का साथ दे रही हैं कांग्रेस? राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन से करोड़ों रुपये मिलने का हुआ खुलासा ष्टष्टक्क द्वारा यह दान खासकर राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ कंटेंपरेरी स्टडीज (क्रत्रढ्ढष्टस्), नई दिल्ली को दिये गए थे। यही नहीं वर्ष 2005-2006 में ष्टष्टक्क ने क्रत्रढ्ढष्टस् को एक एक अज्ञात राशि भी दान की थी। राजीव गांधी फाउंडेशन की 2005-06
की वार्षिक रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि राजीव गांधी फाउंडेशन को Peoples Republic of China के दूतावास से फंडिंग की गयी है। ष्टष्टक्क ने वर्ष 2006- 2007 में, राजीव गांधी फाउंडेशन को 90 लाख रुपये का दान दिया। बीजेपी की आईटी सेल के प्रमुख ने आरोपों का
राजीव गांधी फाउंडेशन की वेबसाइट का हवाला दिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि साल 2004-05 में राजीव गांधी इंस्टीट्यूट फॉर कंटेपोरेरी स्टडीज द्वारा शुरू की गई गतिविधियों में से एक है चाइना एसोसिएशन फॉर इंटरनेशनल फ्रेंडली कॉन्टैट (CAIFC) के रूप में सूचीबद्ध होना।
अमित मालवीय ने कांग्रेस पर सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा कि ष्ट्रढ्ढस्नष्ट चीन की
साारूढ़ कयुनिस्ट पार्टी की छवि बनाने, खुफिया जानकारी जुटाने और प्रोपेगेंडा चलाने का काम करती है। अमित मालवीय ने राजीव गांधी फाउंडेशन की वेबसाइट में ‘हमारी कहानीÓ सेशन में दी गई गतिविधियों और CAIFC के काम की जानकारी के स्क्रीनशॉट को ट्वीट किया है।

Amit Malviya @amitmalviya On the RGF website, one of the activities
undertaken by the RGCIS for 2004-05 is listed as ‘China Association for
International Friendly Contact’. What does CAIFC do? Collect intelligence, conduct propaganda and manage perception for the Communist Party of China. HT pic.twitter.com/OtQYH2Y06l

  • Amit Malviya (@amitmalviya)