21 August 2020
तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन की पत्नी से मुलाकात के बाद एक बार अभिनेता आमिर खान सुर्खियों में हैं। सोशल मीडिया पर ये बहस शुरू हो गई है कि आमिर खान अपना एजेंडा चलाते हैं। उनके पुराने बयानों और कामों के देखते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई प्रकार के तर्क दिए जा रहे हैं।
बेबसाइट के मुताबिक आमिर खान हिन्दुओं के खिलाफ एजेंडा चलाते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक अभिनेता आमिर खान दावा करते हैं कि उनकी फिल्म दंगल, चीन में काफी मशहूर हुई। दबंग फिल्म ने चीन में 1500 करोड़ रुपये की कमाई की जबकि भारत में दंगल फिल्म की कमाई 387 करोड़ थी। ब्लॉकबस्टर फिल्म बाहुबली-2 ने भारत में 1429 करोड़ रुपए की कमाई की थी। आमिर खान का दावा है कि वे सीक्रेट सुपरस्टार हैं और चीन में उनकी फिल्में काफी ज्यादा पंसद की जाती है। इस तरह अगर कमाई के मामले में देखें तो आमिर खान भारत के मुकाबले चीन में ज्यादा बड़े सुपरस्टार हैं।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आमिर खान काफी होशियार हैंं। पहले उन्होंने राष्ट्रवादी भारतीयों को आकर्षित करने के लिए सरफरोश, लगान और मंगल पांडेय जैसी देशभक्ति फिल्में बनाईं और बाद में चालाकी से फिल्मों के जरिए अपने एजेंडों को लागू करना शुरू कर दिया।
रंग दे बंसती फिल्म का उदाहरण लीजिए। इस फिल्म को जिसने भी देखी उसने डिफेंस डील में करप्शन को लेकर जॉर्ड फर्नाडिस और भाजपा को कोसने लगा। इसके बाद आमिर खान ने सत्यमेव जयते सीरिज के जरिए अपने हिंदू विरोधी एजेंडा को लागू करना शुरू कर दिया।
सत्यमेव जयते सीरिज के जरिए हृत्रह्र के लिए कलेक्ट किया गया फंड, ऐसे हृत्रह्र को दिया गया जो मुस्लिमों के लिए काम करती है।
आमिर ने तब अपनी सोबाय सत्यमेव जयते में अपने हिंदू-विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाना शुरू किया। उस सीरीज़ के माध्यम से एनजीओ के लिए इक_ा किया गया लगभग सारा पैसा मुसलमानों के लिए काम करने वाले उनके पालतू एनजीओ या भारत-विरोधी एजेंडे पर चला गया।
हम हिंदुओं ने अपने साहब की कहानियों पर विश्वास करके हमारे अपने दुश्मनों को धन दिया।
मैं सत्यमेव जयते में उनके हिंदू-विरोधी एजेंडे का सिर्फ एक उदाहरण दूंगा। उन्होंने हिंदुओं को बालिकाओं के हत्यारों के रूप में दिखाया। और फिर इसी कड़ी में दिखाया कि कैसे मुस्लिम बिना दहेज के शादी कर रहे हैं और इसलिए वे बच्चियों की हत्या नहीं करते। क्या यह किसी भी हिंदू महिलाओं के खून में उबाल नहीं लाएगा कि हमारे माता-पिता दहेज के लिए हमें मारते हैं जबकि मुसलमान दहेज नहीं लेते हैं और इसलिए उनकी लड़कियां सुरक्षित हैं? क्या यह गुस्सा मुसलमानों को लव जिहाद में मदद नहीं करेगा?
एक भी एपिसोड ऐसा नहीं था जहाँ आमिर ने इस्लामी समाज में सामाजिक बुराइयों को दिखाया हो। उन्होंने बुर्का या ट्रिपल तालक या बहुविवाह या हलाला या कम से कम इस बात पर कोई कड़ी नहीं बनाई कि हैदराबाद में किशोर लड़कियों को मुथा विवाह (अस्थायी विवाह) में पुराने अरबों को कैसे बेचा जाता है। अपने ही धर्म में सामाजिक बुराइयों पर एक भी प्रकरण नहीं।
सत्यमेव जयते भारत और इसकी संस्कृति पर सबसे बड़ी हिट नौकरी थी। उन्होंने भारत में सब कुछ मारा – डॉक्टरों से लेकर वैज्ञानिकों तक सभी को हवा से पानी। और हमने इस पर गुस्सा करने के बजाय इसके लिए ताली बजाई।।
उसके बाद पीके आई, जो अब तक की सबसे खराब हिन्दुफोबिक फिल्म है। हम हिंदुओं ने अपने ही भगवानों पर किए गए चुटकुलों पर हँसा। हम पाकिस्तानी लड़के के लिए आंसू बहाते हैं जो एक हिंदू लड़की से प्यार करता है।
भारतीय सिनेमा में पीके सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर बन गई, जबकि हिंदू अपने ही भगवानों पर हंसते थे।
रिपोर्ट में कहा गया कि 2014 में नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद आमिर खान ने विवादास्पद बयान दिया और कहा कि उनकी पत्नी को भारत में डर लगता है, लेकिन बड़ी बात यह है कि अब भी आमिर खान भारतीय दर्शकों से करोड़ों की कमाई कर रहे हैं। आमिर खान के हिडेन एजेंडे को समझने में हिन्दू नाकाम रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आमिर खान ने अब एक नये अवतार में तुर्की के राष्ट्रपति की पत्नी से मुलाकात की है। क्या आमिर खान मुलाकात से यह संदेश देना चाहते हैं कि अब तुर्की ही बॉस है जबकि तुर्की भारत के खिलाफ लगातार बयानबाजी कर रहा है। ऐसे में लोगों को सतर्क रहना चाहिए और आमिर खान के फेस वैल्यू पर नहीं जाना चाहिए। आमिर खान बॉलीवुड से दूसरे सभी मुस्लिम स्टार्स से ज्यादा खतरनाक हैं।
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