20 June 2020
पीएम मोदी ने कल भारतीय जवानों की शहादत पर चीन को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि जिन जवानों की शहादत हुई है, वो व्यर्थ नहीं जाएगी।
पीएम मोदी ने पुलवामा में पाक प्रायोजित आतंकी हमले के समय भी इसी प्रकार का प्रधानमंत्री ने वक्तव्य दिया था और उसके बाद तुरंत बाद बालाकोट सर्जिकल स्ट्राईक हुई थी।
अतएव गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों का बदला चीन से भारत ने ले लिया है।
शुक्रवार १९ जून २०२० के कुछ समाचार और आज ही हुई सर्वदलीय बैठक में जिस प्रकार से कांग्रेस और लेफ्ट पार्टी एक साथ खड़ी हुई मोदी सरकार के खिलाफ, ठीक इसके विपरीत अन्य विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार के साथ एक मत से चीन के विरूद्ध संघर्ष में एक-जुटता दिखाई।
आज राहुल गांधी की ट्वीट की सराहना जिस प्रकार से चीन ने की थी १७ जून २०२० को और उसके बाद आज कश्मीर में कांग्रेस के नेता सलमान सोज और हुसैन दलवई ने जो वक्तव्य दिया है वह घोर निंदनीय है और सत्तारूढ़ पार्टी के प्रवक्ता के अनुसार इससे कांग्रेस की चीन परस्त मानसिकता का परिचय मिलता है।
कांग्रेस के सलमान अनीस सोज़ ने लद्दाख गतिरोध को लेकर सांप्रदायिक बयान दिया
कांग्रेस के सलमान अनीस सोज़ ने लद्दाख गतिरोध को सांप्रदायिक बना दिया। एक हिंदी-मुस्लिम एंगल है, जो कांग के सलमान सोज़ द्वारा एक ट्वीट के माध्यम से प्रदान किया जा रहा है।
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, “जस्ट एफवाईआई। गाल्वन नदी का नाम गुलाम रसूल गालवान के नाम पर रखा गया है। गुलाम रसूल का मतलब पैगंबर मोहम्मद का नौकर है। वही पैगंबर जिसका धर्म हिंदुत्व के बड़े लोगों द्वारा दुरुपयोग किया जाता है जो अब ‘गुलाम रसूलÓ गालवान की परवाह करते हैं। घाटी। “
राहुल गांधी का अनुकरण करते हुए अब अब कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने इसे लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सैनिकों के हाथ में लाठी देकर भेजा गया। क्या वहां आरएसएस की शाखा है?
>> गलवान घाटी हिंसा पर कांग्रेस नेता जाकिर हुसैन ने भारतीय सेना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में बेहद आपत्तिजनक एवं विवादित बयान दिया है।
जाकिर हुसैन की अपने दोस्त के साथ बातचीत की एक ऑडियो क्लिप वायरल हुई है। इक ऑडियो क्लिप में जाकिर भारतीय फौज को ‘नीचा दिखाने वाला और चीनी सैनिकों का महिमांडनÓ करने वाला बयान दिया है। ऑडियो क्लिप के वायरल होने के बाद कारगिल में कांग्रेस नेता को गिरफ्तार कर लिया गया है। ऑडियो क्लिप में जाकिर यह कहते हुए पाए गए हैं कि ‘चीन की सेना लद्दाख में 135 किलोमीटर तक दाखिल हो गई और उसने मार-मार कर भारतीय सैनिकों को वहां से खदेड़ा।Ó
कल १८ जून २०२० के संपादकीय में मैंने पूछा था चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ 2008 में राहुल गांधी ने एमओयू संधि पर हस्ताक्षर क्यों किये ?
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ भारत की कम्युनिस्ट पार्टियों का ही नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी का भी चोली दामन का भी साथ रहा है। २००८ में कांग्रेस पार्टी की ओर से बीजिंग में राहुल गांधी ने सोनिया गांधी की उपस्थिति मे कम्युनिस्ट पार्टी के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किय थे। प्रश्र यह उठता है कि राहुल गांधी ने उक्त दुर्लभ संधि पर हस्ताक्षर क्यों किये।
उसके बाद २४ सितंबर २०१९ को नेपाल और चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टियों ने दोनों पक्षों के बीच भ्रातृत्व स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया।
यहॉ यह उल्लेखनी है कि बीजिंग ओलंपिक में आयोजित उक्त अवसर पर विश्व के सभी राष्ट्रध्याक्षों को आमंत्रित किया गया था परंतु भारत के प्रधानमंत्री या प्रेसीडेंट को नहीं। इनके स्थान पर सोनिया गांधी, राहुल गांधी और वाड्रा परिवार सम्मिलित हुए थे।
चीन की कम्युनस्टि पार्टी के साथ एएमयू पर दस्तखत करने का मतलब भाजपा द्वारा यह निकाला जा रहा है कि भारत के स्थानीय समस्याओं और विश्व स्तर की समस्याओं पर भारत की कांग्रेस पार्टी और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी अर्थात चीन की सरकार आपस में समय-समय पर एक-दूसरे से वार्तालाप और सलाह-मशवरा करती रहेंगी।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधना कई चीनियों को पसंद आया है। इसका प्रमाण एक चीनी ट्विटर हैंडल @Lijeng_ से मिलता है, जिसमें राहुल गांधी को धन्यवाद दिया गया है। साथ ही कहा गया है कि जब तक आप वहां (भारत में) हैं, तब तक हमें किसी भी चीज के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।
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