20-12-2022
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वो फोन कॉल नहीं करते तो आज हम एक और विनाशकारी परमाणु युद्ध को देख रहे होते।उस दिन नई दिल्ली से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्लादिमीर पुतिन को फोन घुमाया और इस एक फोन कॉल ने पूरी दुनिया पर मंडरा रहे खतरे को टाल दिया। अगर उस दिन पीएम मोदी पुतिन को वो कॉल नहीं करते तो शायद दुनिया एक भयानक तबाही का मंजर देख रही होती। रूस यूक्रेन पर शायद परमाणु बम गिरा ही देता और यूक्रेन का एक बड़ा हिस्सा श्मशान घाट में परिवर्तित हो जाता। अगर उस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वो कॉल नहीं करते तो आज हम एक और विनाशकारी परमाणु युद्ध को देख रहे होते। ऐसा नहीं है कि यह कोई मनगढ़ंत बातें हैं या फिर ऐसा केवल हम कह रहे हैं बल्कि इस बात को अमेरिका की केंद्रीय खुफिया एजेंसी ष्टढ्ढ्र चीफ बिल बन्र्स ने भी कहा है।
ष्टढ्ढ्र चीफ बिल बन्र्स ने जो कहा है इस पर ध्यान देना होगा, बिल ने कहा है कि पीएम मोदी का परमाणु युद्ध को रोकने में बड़ा योगदान रहा है। दरअसल, रूस यूक्रेन के बीच लंबे समय से युद्ध चल रहा है जिसमें दोनों देशों को भारी क्षति पहुंची है। एक समय तो ऐसी कयासबाजी तक लगायी जाने लगी थी कि यह युद्ध परमाणु युद्ध में परिवर्तित हो सकता है। लेकिन अच्छी खबर यह है कि भारी क्षति के बाद भी यह युद्ध परमाणु युद्ध में परिवर्तित नहीं हुआ और आगे भी ऐसी स्थिति न पैदा हो इसके लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
जो पश्चिमी देश रूस यूक्रेन युद्ध के दौरान भारत और रूस की बढ़ी नजदीकी पर मुंह बना रहे थे, वहीं आज भारत के प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करते नहीं थक रहे हैं। दरअसल, रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर ष्टढ्ढ्र ष्ठद्बह्म्द्गष्ह्लशह्म् क्चद्बद्यद्य क्चह्वह्म्ठ्ठह्य का बड़ा बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि पीएम मोदी के कारण परमाणु युद्ध टला है। उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने परमाणु हथियारों के उपयोग के बारे में अपनी चिंताएं व्यक्त की। मुझे लगता है कि इसका रूस पर प्रभाव पड़ा और ये परामाणू युद्ध रुक सका।
ध्यान देने वाली बात है कि 3 दिसंबर को रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने परमाणु युद्ध के ‘बढ़तेÓ खतरे की चेतावनी दी थी और कहा था कि इस युद्ध में थोड़ा और समय लगने वाला है। ज्ञात हो कि दोनों देशों के बीच चल रहे इस युद्ध को लेकर भारत बातचीत और कूटनीति का समर्थन करता आया है। भारत का मानना है कि इस युद्ध को बातचीत और कूटनीति से टालना सही है। जिसके चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुतिन की चेतावनी के बाद 16 दिसंबर को रूस के राष्ट्रपति पुतिन से फोन पर बात की थी। पीएमओ के अनुसार यूक्रेन में चल रहे संघर्ष के संदर्भ में पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ अपनी बातचीत में कूटनीति और बातचीत को आगे बढ़ाने के अपने आह्वान को दोहराया है।
ज्ञात हो कि कुछ समय पहले ही पुतिन ने रूस की तरफ परमाणु हमले करने की कयासबाजियों के बीच अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा था कि परमाणु हमला नहीं किया जाएगा, ऐसी कोई तैयारी नहीं है। वहीं इस दौरान पुतिन की ओर से प्रधानमंत्री मोदी को देशभक्त बताया गया था।
समरकंद में भी पुतिन से मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि आज का युग युद्ध का नहीं है। इस पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने जवाब दिया था कि मैं यूक्रेन संघर्ष पर आपकी स्थिति के बारे में जानता हूं। मैं आपकी चिंताओं के बारे में जानता हूं। हम चाहते हैं कि यह सब जल्द से जल्द खत्म हो।
रूस और यूक्रेन संघर्ष की शुरुआत से ही भारत के रुख को असरदार माना गया है। भारत ने शुरुआत से ही दोनों देशों के साथ बातचीत जारी रखी और दोनों देशों को बातचीत का रास्ता अपनाने की सलाह दी। भारत की इस बातचीत का ही नतीजा है कि दुनिया के सिर से इतना बड़ा खतरा टल सका है और पश्चिम भारत के सामने नतमस्तक है।
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