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Editorial:विदेश मंत्री के तौर पर जयशंकर दिखा रहे दुनिया को आईना

16-12-2022

केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रसाद की कार्यशैली ने एक बात जगजाहिर कर दी है कि विश्व समुदाय में भारत का जलवा चौतरफा बरकरार है। चीन से लेकर अमेरिका। अमेरिका से लेकर ऑस्ट्रेलिया। सभी एक बात तो मानने के लिए बाध्य हो ही चुके हैं कि भारत के आगे अब हमारी एक भी नहीं चलेगी। अगर आपको यकीन ना हो तो विदेश मंत्री एस जय़शंकर द्वारा दिए गए कुछ बयानों पर गौर फरमा लीजिए। जिसमें उन्होंने उन सभी देशों को जमकर फटकार लगाई है, जो कभी भारत के आगे अपनी हिमाकत दिखाने की जुर्रत करते थे, तो आइए आपको आगे सिलसिलेवार तरीके से विदेश मंत्री द्वारा दिए गए बयानों के बारे में विस्तार से रूबरू कराते हैं।
जरा याद कीजिए, उन दिनों को जब रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध अपने चरम पर था। दोनों ही देश मरने-मारने पर उतारू थे। जहां पूरा यूरोपीय खेमा यूक्रेन के पक्ष में था, तो वहीं भारत के लिए बड़ी चुनौती यह थी कि वो किसके साथ जाए, चूंकि रूस भारत का सदाबाहर मित्र रहा, तो वहीं यूरोपीय खेमे में भी कई देश भारत के मित्र हैं, जिनसे भारत के हित निहित हैं। यह स्थिति भारत के लिए किसी धर्मसंकट से कम नहीं थी, लेकिन भारत ने किसी भी देश को सपोर्ट ना करते हुए हमेशा ही शांति की पैरोकारी की। यहां तक की खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी विदेश भ्रमण के दौरान रूस-य़ूक्रेन युद्ध के बीच शांति की पैरोकारी कर चुके थे।
खैर, इस युद्ध के दौरान भी भारत ने रूस से तेल खरीदना जारी रखा, जिस पर अमेरिका सहित अन्य यूरोपीय देशों की ओर से आपत्ति जताई गई, लेकिन भारत की नुमाइंदी करते हुए समस्त यूरोपीय खेमों को चेता दिया था कि हम रूस से तेल आज से नहीं, बल्कि कई दशकों से खरीदते हुए आ रहे हैं और दोनों ही देशों के बीच जारी जंग की वजह से हम अपनी देश की जनता को दुश्वारियों के सैलाब में सराबोर नहीं कर सकते हैं। लिहाजा हर किसी की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए भारत ने रूस से तेल खरीदना जारी रखा। ध्यान रहे, विदेश मंत्री द्वारा इस्तेमाल किए गए इन कड़े हर्फों के बाद किसी की भी हिम्मत नहीं रही कि वो भारत की मुखालफत कर सकें।
गत बुधवार की ही बात है, जब केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रसाद ने चीन को जमकर फटकार लगाई थी। हालांकि, यह कोई पहली मर्तबा नहीं है कि जब विदेश मंत्री ने चीन को ऐसी फटकार लगाई हो, बल्कि इससे पहले भी कई बार उसे फटकार लगाई जा चुकी है, लेकिन गत बुधवार को चीन को आतंकवाद के मसले को लेकर भारत की नुमाइंदी करते हुए विदेश मंत्री ने ड्रैगन को जमकर खरी खोटी सुनाई। दरअसल, चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जैश ए मोहम्मद और मसूद अजहर जैसे आतंकवादियों को वैश्विक आतंकी घोषित करने की राह में रोड़ा अटकाता है, जिसे लेकर कल यूएन में विदेश मंत्री का चीन के खिलाफ सख्त रूख देखने को मिला।
अमेरिका, चीन के अलावा विदेश मंत्री ने पाकिस्तान को भी नहीं बख्शा। दरअसल, विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर मुद्दे का जिक्र करने पर फटकार लगाई है। भारत की तरफ से बार-बार पाकिस्तान को चेताया जा चुका है कि यह भारत का आतंरिक मुद्दा है, लिहाजा इसे विश्व समुदाय के समक्ष इसे उठाने की जहमत ना उठाए, लेकिन बार-बार चेताए जाने के बावजूद भी पाकिस्तान अपने रूख में परिवर्तन नहीं ला रहा है, जिसे देखते हुए बीते दिनों विदेश मंत्री की ओर से पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगी है।