17 March 2020
द. कोरिया में कोरोनावायरस के प्रकोप के केन्द्र में शीनचोनजी चर्च ऑफ जीजस
दक्षिण कोरिया में कोराना वायरस के खतरों के लिये वहॉ का शीनचोनजी चर्च ऑफ जीजस वहॉ के नागरिकों के क्रोध का केन्द्र बना हुआ है।
अब तक दक्षिण कोरिया में कोरोना वायरस के लगभग 7500 मामले सामने आ चुके हैं और यहाँ के लोगों में भगदड़ मची हुई है। अधिकांश मरीजों का किसी न किसी रूप में ‘शिनचेओंजी चर्च ऑफ जीससÓ से कनेक्शन निकल कर सामने आ रहा है। दक्षिण कोरिया के दक्षिण-पूर्वी शहर दाएगू में 25 लाख लोग रहते हैं। आशंका जताई गई है कि शिनचेओंजी चर्च के पादरी समूह के एक 61 वर्षीय व्यक्ति ने प्रेयर के दौरान बाकी लोगों को भी संक्रमित कर दिया। उसे ‘पैशेंट नंबर- 31Ó का नाम दिया गया है।
कोरिया के स्वास्थ्य विभाग ने इस बात की पुष्टि की है कि अब तक देश में आए कोरोना वायरस के कुल मामलों का 63.5त्न शिनचेओंजी से जुड़ा हुआ है। यहाँ 15 अप्रैल को संसदीय चुनाव भी होने वाले हैं और राष्ट्रपति मून जे इन ने कोरोना वायरस के खतरों को हलके में लेते हुए बयान दिया था कि ये जल्द ही गायब हो जाएगा। दक्षिण कोरिया में लोगों का गुस्स्सा स्वाभाविक है क्योंकि चीन के बाद कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मरीज इसी देश में हैं। शिनचेओंजी की कुछ रीतियाँ भी इन सबके लिए जिम्मेदार बताई जा रही हैं।
ये चर्च ‘सीक्रेसीÓ के नियमों का पालन करता है। इसने चश्मा पहनने व फेस मास्क पर बैन लगा दिया था जबकि मास्क लगाने की सलाह डॉक्टरों ने दी है ताकि कोरोना वायरस के बचाव के लिए सावधानी अपनाई जा सके। इसके अलावा इस चर्च में एक जगह सबके साथ रह कर प्रेयर करने का रिवाज रहा है, जिसके लिए लोग इसकी आलोचना कर रहे हैं। कोरोना वायरस के फ़ैलाने के आलोक में दुनिया भर के विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि ‘सोशल डिस्टन्सिंगÓ का पालन किया जाए और लोग किसी भी गैदरिंग का हिस्सा न बनें।
चर्च के संस्थापक ली मैन ही को लोग दक्षिण कोरिया के एक महान राजा का वंशज मानते हैं, जिसने सैकड़ों वर्ष पहले राज किया था। बाइबल के सीक्रेट कोड्स को वही समझ और समझा सकते हैं, ऐसा लोगों का मानना है। 88 वर्षीय ली पर आरोप है कि वो और चर्च के सैकड़ों लोग स्वास्थ्य विभाग की जद से भागते रहे, जिस कारण कोरोना वायरस काफ़ी तेज़ी से फैला। आरोप है कि चर्च के अधिकतर संक्रमित लोग छिप गए और उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया। ली पर हत्या का मुकदमा चल सकता है क्योंकि आरोप है कि सबकुछ जानबूझ कर किया गया।
चर्च ने अपने सदस्यों की सूची भी सरकार द्वारा माँगने पर नहीं सौंपी। ली ने मास्क पहन कर एक सभा को सम्बोधित किया, जिसमें उन्होंने बताया कि चर्च से इतने सारे मरीजों के जुड़े होने की ख़बर सुन कर वो दु:खी हैं। पहले उन्होंने दावा किया था कि कोरोना वायरस उस दुष्ट शक्तियों द्वारा लाया गया है, जो शिनचेओंजी के तेज़ी से होते विकास से जलन में डूबा हुआ था।
यीशु के शिनचोनजी चर्च के संस्थापक और आध्यात्मिक नेता ली मैन-ही ने सोमवार को एक समाचार सम्मेलन आयोजित किया और दक्षिण कोरिया के कोरोनोवायरस प्रकोप के लिए अपने को जिम्मेदार मानते हुए माफी मांगी।
रूद्बह्म्ड्डष्द्यद्ग ष्ह्वह्म्द्ग हिलिंग टच द्वारा हर प्रकार की बीमारियों का इलाज करने वाले बेनी हिन्न सोनिया गांधी के मित्र हैं। अतएव आवश्यक है कि जिस प्रकार से पहले यूपीए शासनकाल में बेनी हिन्न को बुलाया जाता रहा था इलाज करने के लिये वैसे ही अब भारत में भी कोरोना वायरस से पीडि़तों का इलाज करने के लिये उन्हें आमंत्रित किया जाये।
, एक बार बेनि हीन का शो दिल्ली और बेंग्लोर मे हुआ,सरकारी पैसे से (यानि हमारे टैक्स के पैसे से) टीवी व अखबारो मे विज्ञापन दिया गया कि बेनी हिन चमत्कारी आदमी है उसको यीशू से शक्ति हासिल हूई है। जिसके सिर पर हाथ रख दे उसकी सारी बिमारी दूर हो जाती है, दिल्ली मे उस समय के प्रधानमंत्री नरसिंह राव उनका आर्शिवाद लेने अपने पूरे मंत्रीमंडल के साथ पहुंचे, दिल्ली मे उनका शो कामयाब रहा, फिर उनका शो बैंग्लोर मे आयोजित हुआ, यहाँ पर उस समय के कर्नाटक के मुख्यमंत्री देवीगोडा पहुंचे और उन्होने सीधा जमीन पर लेटकर उन्हे प्रणाम किया, वहाँ भी उन्होने अपने कुछ किराए के लोगो कि मदद से अपना चमत्कार दिखाया,
शो के अंत मे बेनी ने लोगो से अपने सवाल रखने का अनुरोध किया, स्वर्गीय राजीव दीक्षित जी (बाबा रामदेवजी के सहयोगी) ने पूछा- यदि आप चमत्कारी है तो वेटिकन सिटी जाइए और वहाँ आपके धर्मगुरू पोप जाँन पाँल को जो गंभीर बिमारी पारकिनसन है उसको ठिक किजिए……
दीक्षित जी जैसे ही हमारा भी अनुरोध है सोनिया गांधी जी से कि वे अपने पारिवारिक मित्र बेनी हिन्न को कोरोना पीडि़तों को चंगा करने के लिये आमंत्रित करें।
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