14 March 2020
आईबी कर्मचारी की हत्या कोई साधारण हत्या नहीं थी। आईएसआईएस जिस प्रकार से निर्मम हत्या करता है उसी तर्ज में चाकुओं से पूरा शरीर अंकित शर्मा का छलनी कर दिया गया था।
इससे ऐसा प्रतीत होता है कि आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा के पास कुछ ऐसे राज थे जिसके खुल जाने से उसके हत्यारों का पर्दाफाश हो सकता था। वे राज राज ही रह जायें खुल न पाये संभव है इसी कारण अंकित शर्मा की किस प्रकार से निर्मम हत्या हुई।
>> उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा के दौरान आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की हुई हत्या के मामले में गिरफ्तार सलमान उर्फ मोमिन ने पूछताछ के दौरान यह स्वीकार किया है कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर आइबी कर्मचारी अंकित शर्मा की चाकुओं से गोदकर हत्या की है.
>> उसने यह भी स्वीकार किया है कि 24 फरवरी को पास की ही एक छत से उसने लोगों पर पत्थरबाजी भी की है.
वह छत किसकी थी? क्या वह छत आप पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन के बहुमंजिली इमरात की थी?
सलमान ने कोर्ट में पेश होने पर बताया कि ‘हत्या करने वाले सभी लोगों को मालूम था कि अंकित आईबी में काम करता है, साजिश के तहत अंकित को मारा गया। पहले अंकित को घसीटकर ताहिर हुसैन के घर ले जाया गया और फिर अंकित पर दर्जन भर से भी ज्यादा लोगों ने चाकू मारे।
दिल्ली दंगों की जांच में खुलासा, पीएफआई के संपर्क में थे आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के नेता –
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने कट्टरपंथी संगठन पीएफआई के सरगना परवेज़ और सेक्रेटरी इलियास को गिरफ्तार किया है। दोनों पर शाहीन बाग प्रदर्शन की फंडिंग और दिल्ली में हुए दंगों को भड़काने का आरोप है। इन दोनों का संबंध आईएसआईएस से जुड़ी दंपत्ति से था, वहीं इनकी पहुंच आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं तक थी, जो कॉल, मैसेज और व्हाट्सएप के जरिए जुड़े हुए थे।
>> पीएफआई ने अब बयान जारी कर कहा है कि मुसलमानों की गिर$फ्तारी का विरोध होना चाहिये।
>> प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की रिपोर्ट के मुताबिक आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के तार भी पीएफआई से जुड़े हुए थे। संजय सिंह पीएफआई के अध्यक्ष मोहम्मद परवेज अहमद से लगातार संपर्क में थे। ईडी ने कहा है कि संजय सिंह और परवेज के बीच व्हाट्सएप चैट भी की गई है। इसके अलावा दोनों ने एक-दूसरे से मुलाकात भी की थी।
>> ईडी की रिपोर्ट में कहा गया है कि भीम आर्मी और कांग्रेस के नेता उदिज राज के भी क्कस्नढ्ढ से संबंध थे।
>> दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया है कि मोहम्मद परवेज़ कांग्रेस के कई नेताओं से संपर्क में था।
>> सीएए विरोध – दिल्ली हिंसा के तार पाकिस्तान और इटली से जुड़े वाया कांग्रेस ्र्रक्क हर्ष मंदर ।
सीएए का विरोध करने और तीन भाजपा नेताओं पर भड़काऊ भाषण देने और उनपर एफआईदर्ज करने की मांग करने वाले हर्ष पूर्व में अजमल कसाब को बचाने के लिए कोर्ट गए थे।
>> सीएए के विरोध की शुरूआत १४ दिसंबर को रामलीला मैदान में कांग्रेस द्वारा आयोजित भारत बचाओ रैली से हुई थी। यदि हेट स्पीच के संबंध में चर्चा की जाये तो प्रथम हेट स्पीच वहीं से शुरू हुआ था।
>> अंतिम कथित हेट स्पीच कपिल मिश्रा का कहा जा रहा है। शाहीनबाग जैसे सड़क रोक कर प्रदर्शन मेट्रो टे्रन के ब्रिज के नीचे जाफराबाद में आयोजित हुआ। उसी समय कपिल मिश्रा ने कहा था कि तीन दिन में पुलिस द्वारा शाहीनबाग प्रदर्शनकारियों ने जो रास्ता जाम किया हुआ है उसे खुलावा दिया जाये।
इसे ही हेट स्पीच कहकर इसके अलावा अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा की स्पीच को भी हेट स्पीच कहकर हर्ष मंदर कोर्ट में गये थे।
>> अब हर्ष मंदर कह रहे हैं कि शाहीनबाग को खाली कर देना चाहिये क्योंकि यहॉ हो रहे प्रदर्शन का आधार आरएसएस, मुस्लिमों को बदनाम करने के लिये कर रही है।
>> यहॉ यह भी उल्लेखनीय है कि जो बैंक अकाउंट दंगे के समय एक्टिव थे वो दंगे के बाद ही बंद कैसे हो गये?
रिपब्लिक टीवी के अरनब गोस्वामी ने इस मुद्दे को उठाया है।
अब प्रश्र उठता है कि १४ दिसंबर को रामलीला मैदान में गांधी परिवार वाड्रा द्वारा जो स्पीच दी गई थी वहॉ से लेकर कपिल मिश्रा द्वारा फरवरी के अंतिम सप्ताह में जो स्पीच दी गई उस दरमियान के घटनाक्रम की जांच में क्या आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा लगे हुए थे?
क्या अंकित शर्मा के पास उक्त जांच के आधार पर कुछ राज एकत्रित किये गये थे? क्या उन राज का खुलासा न हो इसके लिये अंकित शर्मा की हत्या हुई थी।
हत्यारों को क्या विदेश से फंडिंग प्राप्त हुई थी और क्या इन्हें राजनैतिक पार्टियों और नेताओं का संरक्षण प्राप्त था?
इन सबका अब पुलिस द्वारा जो साइंटिफिक ढंग से वीडियो और सॉफ़्टवेयर का उपयोग कर की जा रही है उससे खुलासा हो सकेगा।
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