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Editorial: ममता की टीएमसी का नया नाम क्या ‘घोटाला पार्टी है?

25-7-2022

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को कथित शिक्षक भर्ती घोटाले में पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी की एक करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के परिसरों पर छापेमारी में 20 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की है। 20 करोड़ कितने होते हैं इतने कि आपके घर का पूरा आंगन भर जाए, इतने कि आपकी आंखों में ना समाएं, इतने कि आप इसी में कन्फ्यूज़ हो जाएंगे कि कितने ज़ीरों आएंगे 20 करोड़ में आपकी मुश्किल को हम हल कर देते हैं। 20 करोड़ ऐसे लिखा जाएगा 200,000,000 यानी 2 पर कुल 8 जीरो लगाने से 20 करोड़ होता है तो इतने ही रुपये और इसके साथ-साथ तमाम आभूषण इन मैडम के घर से मिले हैं। इन मैडम का नाम है अर्पिता मुखर्जी और यह रखती हैं बंगाल के कलकत्ता में लेकिन इनके संबंध ऐसे-ऐसे लोगों से हैं कि सवालों के घेरे में स्वयं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं।
सत्ता में आने के बाद नेता कितनी समाजसेवा करते हैं और कितनी स्वयं की सेवा करते हैं उसका अनुमान पश्चिम बंगाल की स्थिति से लगाया जा सकता है। जिस पश्चिम बंगाल में टीएमसी का 15 साल से राज है, उसी सरकार में बड़े से बड़े मंत्री, नेता और उनके करीबी लोग करोड़पति बन गए और अब उनके नाम सरेआम हो रहे हैं। राज्य सरकार के हर विभाग में भ्रष्टाचार कभी न कभी सामने आया है, कभी नारदा तो कभी चक्रवात और हाल ही में कथित चर्चित शिक्षक भर्ती घोटाले के बीच पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और वर्तमान में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर श्वष्ठ रेड के दौरान 20 करोड़ की नकदी और सोने के आभूषण जब्त किए गए हैं। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस की मालकिन और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के पूरे कुनबे की ओर सवाल खड़े हो गए हैं कि क्या ममता की टीएमसी घोटालेबाजों से भरी है?
प्रवर्तन निदेशालय ने पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार कर लिया है। इससे एक दिन पहले जांच एजेंसी ने कथित शिक्षक भर्ती घोटाले में रेड की थी- पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर भी रेड पड़ी- अर्पिता के घर से 20 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं। इसके बाद अर्पिता मुखर्जी को ईडी ने हिरासत में लिया है। जब शिक्षक भर्ती घोटाला सामने आया था उस वक्त पार्थ चटर्जी राज्य के शिक्षा मंत्री थे।
अर्पिता मुखर्जी की बात करें तो उन्होंने थोड़ा-बहुत काम बांग्ला फि़ल्म इंडस्ट्री में किया है। उन्होंने बांग्ला फिल्मों के अलावा ओडिया और तमिल फिल्मों में भी साइड रोल किए हैं। ऐसे में यह तो है नहीं कि साइड रोल की कमाई में इतना पैसा जमा हो गया हो- इसके साथ ही पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी के तार अर्पिता से जुडऩा इस बात को प्रमाणित करता है कि सच में बड़े-बड़े मंत्री अपने करीबियों के हवाले से सारे गैर-कानूनी काम करते हैं। अब पार्थ चटर्जी की क्या ही बात करें जब ममता बनर्जी के भतीजे और टीएमसी के नंबर 2 अभिषेक बनर्जी भी घोटालों में संलिप्त पाए गए हैं और कोयला घोटाले में अभियुक्त हैं।पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी के अलावा ईडी ने शिक्षा राज्य मंत्री परेश सी अधिकारी, विधायक माणिक भट्टाचार्य और अन्य पर भी छापेमारी की है। चटर्जी से सीबीआई ने कथित घोटाले की जांच के सिलसिले में मई में दो बार पूछताछ की थी। इसके बाद अब इतने बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है।
ऐसे में हमारे सामने कई सवाल खड़े होते हैं- क्या इतने बड़े घोटाले की भनक ममता बनर्जी को नहीं थी?अगर थी, तो उन्होंने इस पर कार्रवाई क्यों नहीं करवाई? अगर नहीं थी, तब फिर वो मुख्यमंत्री बनकर क्या कर रही हैं जो इन्हें करोड़ों के घोटाले की कोई ख़बर ही नहीं हैं।