1 January 2020
आधी रात प्रियंका का ट्वीट, ऊं ह्रीं क्लीं चामुंडाय…यूजर्स ने उड़ाया मजाक । इसका पूरा विवरण संपादकीय के इसी पृष्ठ में अलग से दिया गया है।
प्रियंका वाड्रा ने हेमंत सोरेन के बाद योगी जी के घेरवा वस्त्र पर अभद्र टिप्पणी की थी। इस पर काफी विवाद हुआ है। चेतावनी के लहजे में स्वयं यूपी के मुख्यमंत्री योगी जी के कार्यालय से भी इसकी कड़ी प्रतिक्रिया दी गई है। इसका भी उल्लेख अलग से इस संपादकीय के नीचे दिया गया है।
विश्वामित्र ने राम और लक्ष्मण को दशरथ जी से क्यों मंगा था? उस समय सन्यासी साधु महात्मा वन में तपस्या व यज्ञ-हवन करते आदि करते रहते थे। उनके इस कार्य में राक्षस विघ्र डाला करते थे। इसका उल्लेख भी अलग से इस संपादकीय में किया गया है।
जिस प्रकार से विश्वामित्र ने राम और लक्ष्मण को दशरथ से मंगा था उसी प्रकार से देश विरोधी ताकतों से निपटने के लिये भारत मां को दो सपूत मोदी-योगी मिले हैं।
प्रियंका वाड्रा के दादा जी का नाम फिरोज जहॉगीर गांधी था। उनकी मजार का चित्र भी इस संपादकीय के नीचे अलग से दिया गया है।
दस जनपथ के गांधी परिवार को यह बताना चाहिये कि जिस प्रकार से वे फिरोज जहॉगीर गांधी की पत्नी इंदिरा गांधी जी के समाधि स्थल पर प्रतिवर्ष जाते हैं उसी प्रकार से क्या कभी किसी वर्ष भी फिरोज जहॉगीर गांधी जी के मजार पर जाकर दो फूल चढ़ाये हंै।
सोनिया गांधी कैथोलिक क्रिस्चियन हैं। वे प्राय: गिरजाघर जाया करती हैं। इस संबंध में अधिक लिखने की कोई आवश्यक्ता नहीं है।
राहुल और प्रियंका क्या हंै? उन्हें गांधी सरनेम कहॉ से मिला? मीडिया भी प्रियंका वाड्रा को प्रियंका गांधी वाड्रा कहकर क्यों संबोधित करता है यह समझ से परे है।
रॉबर्ट वाड्रा से जब प्रियंका गांधी का विवाह हो रहा था उस समय विवाह की रस्म अदा करने वाले पादरी को भी समझ में नहींआ रहा था कि वे प्रियंका क्रिस्चियन हैं या और कुछ। इसीलिये उन्होंने यह निर्देश दिया कि प्रियंका गांधी को पुन: क्रिस्चियन धर्म अपनाने की रस्म अदा करनी होगी और उन्होंने ऐसा किया भी। इसके बाद से प्रियंका गांधी प्रियंका वाड्रा हुई।
प्रियंका वाड्रा को अपने ईसाई धर्म के बारे में अधिक उपदेश देना चाहिये। यदि हिन्दुत्व के बारे में भगवा वस्त्र के बारे में कुछ बोलना है तो पहले उसका अध्ययन करना चाहिये।
वे कृष्ण की करूणा की भी व्याख्या कर रही थी। सुबह भाई की मौत हुई बावजूद इसके प्रियंका की सुरक्षा में तैनात रहीं सीओ डा अर्चना। बावजूद इसके अर्चना पर झूठे आरोप लगाकर किस प्रकार से उनके दिल में ठेंस पहुंचाई यह प्रियंका वाड्रा जी के करूणा का नमूना है।
महिषासुर शहादत दिवस जेएनयू मेंं मनाया जाता है। उसकी प्रियंका या राहुल गांधी ने कभी भर्तस्ना नहीं की।
कन्हैय्या कुमार स्वयं जेएनयू में महिषासुर की पूजा करते हैं। इन्हीं कन्हैय्य़ा कुमार को असम विधानसभा चुनाव के समय राहुल गांधी ने पोस्टर बॉय बनाया था और उन्हें यिशू के रूप में प्रस्तुत किया था कांग्रेस के पोस्टरों में।इसका भी चित्र इस संपादकीय के नीचे दिया हुआ है।
राहुल गांधी भी दया मूर्ति कृपालु बने हैं सीएए, एनपीआर, एनआरसी के विरोध में हिंसक प्रदर्शन में जो घायल या मृत हुए हैं उनके प्रति। वे अपने आपको कश्मीरी पंडित नेहरू के वंशज बताते हैं। परंतु क्या कभी वे इस प्रकार की कृपा दृष्टि कश्मीरी पंडितों पर जो अत्याचार हुए उसके प्रति दिखाई है।
योगी जी के भगवा वस्त्र पर अपमानित टिप्पणी जिस प्रेस कांफ्रेंस में प्रियंका वाड्रा ने की थी उसी प्रेस कांफे्रेस में सलमान ख्ुार्शीद भी उपस्थित थे। वहॉ पे्रस कांफे्रेस में यह कहा गया कि सलमान खुर्शीद के नेतृत्व में कांग्रेस की लीगल टीम हिंसक प्रदर्शन में पीडि़त परिवारों को जो कानून के चंगुल में फंस गये हैं उन्हें कानूनी सलाह मुहैय्या करायेगी। यूपी पुलिस के पास सबूत है कि हिंसक प्रदर्शनों में सिमी और पीएफआई का हाथ रहा है। इसके सबूत भी यूपी पुलिस के पास में हैं। यूपी में पीएफआई को प्रतिबंधित करने की सिफारिश भी गृहमंत्रालय को भेजी गई है।
यहॉ यह उल्लेखनीय हेै कि जब प्रतिबंधित सिमी की पैरवी कोर्ट में यूपीए शासनकाल में सलमान ख्ुार्शीद ने की थी। अब वे पीएफआई के लिये भी संभव है ऐसा ही करें।
कां्रग्रेस को कांग्रेसके नेताओं को विशेषकर राहुल और प्रियंका को यह सार्वजनिक रूप से घोषणा करना चाहिये कि वे वास्तव में क्या हैं?
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