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Editorial :- सीएए के विरोध में हिंसक प्रदर्शन में पीएफआई का भी प्रवेश

24 December 2019

सीएए  के खिलाफ गत 19 दिसम्बर को राजधानी लखनऊ में हुई हिंसा के मास्टरमाइंड  समेत दो लोगों को सोमवार को गिरफ्तार किया गया। पुलिस को इसके मैसेज, वीडियो और चैटिंग के रिकॉर्ड मिल गए हैं। एसएसपी ने बताया कि पीएफआई के आह्वान पर आए लोग अपने साथ पत्थर, असलहे और पेट्रोल बम लाए थे।

पीएफआई का सीएए के हिंसक विरोध में प्रवेश एक चिंताजनक घटना है। यह कोई पहली घटना नहीं है। इसके तार मुगलिस्तान और लाल गलियारे के अलगाववादी मंसूबे से जुड़े हुए हैं।

इसकी विस्तार से उल्लेख समय-समय पर आगामी संपादकीयों में करने का प्रयास होगा। शशि थरूर और फरहान अख्तर ने भारत के गलत नक्शे प्रस्तुत किये हैं। संबंधित समाचार रविवार २२ दिसंबर को प्रकाशित हुआ है। इन नक्शों के साथ आप संपादकीय के नीचे दिये मुगलिस्तान के नक्शे पर नजर डालेंगे तो पता चल जायेगा कि कांग्रेस और अलगाववादियों के मंसूबे क्या हैं?

पीएफआई का सीएए के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन में प्रवेश अचानक नहीं हुआ है।

जिग्रेश मेवानी गुजरात विधानसभा चुनाव में खड़े हुए थे। उन्हें पीएफआई ने फंडिंग की थी।

इसी प्रकार से कर्नाटक में पीएफआई के अनेक सदस्यों को राष्ट्रवादी नागरिकों की हत्या के आरोप में गिर$फ्तार किया गया था।

कर्नाटक विधानसभा चुनावके समय उस समय की कांगे्रस सरकार के मुख्यमंत्री सिद्धारमैय्या ने रिहा करने का आदेश दिया था।

इससे समझा जा सकता है कि कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्र्टियां पीएफआई की देशविरोधी गतिविधियों में शामिल हैं।

हैदराबाद में असदुद्दीन ओवैसी ने नागरिकता कानून(ष्ट्र्र) और हृक्रष्ट के विरोध में एक बड़ी रैली को संबोधित किया. ओवैसी ने कहा कि ये सिर्फ मुसलमानों की नहीं देश और संविधान बचाने की लड़ाई है. ओवैसी की रैली में दिल्ली की जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी की दो लड़कियां भी शामिल हुईं. ये दो लड़कियां तब सुर्खियों में आई थीं जब जामिया में पुलिस ने हिंसा भड़काने वालों पर कार्रवाई की थी. दोनों लड़कियां एक लड़के बचाने के लिए पुलिस से भिड़ गई थीं. ओवैसी ने खास तौर पर इन्हें अपनी रैली में बुलाया और अपने मंच से इन्हें स्पीच देने का मौका दिया. ये दोनों लड़कियों का भी संबंध केरल से है। इसकी भी जांच होने से खुलासा हो जायेगा कि किस प्रकार से उक्त घटनाओं मेंं पीएफआई का संबंध है।

पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने केरल के कोझिकोड में हुए एक समारोह में भाग किया था। इस कार्यक्रम का सह-आयोजन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (पीएफआई) की महिला शाखा ‘राष्ट्रीय महिला मोर्चाÓ (एन डब्ल्यू फ़) ने किया था।

ऐसा संगठन जिस पर युवाओं को इस्लामिक स्टेट (आईएस) में शामिल करवाने के आरोप हैं 

मुस्लिम लीग के सहयोग से वायनाड से राहुल गांधी लोकसभा में पहुचे हैं। केरल में मुस्लिम लीगी कांगे्रस के धड़े और वामपंथी धड़े दोनों का ही शासन समय-समय पर रहा है। राहुल गांधी का केरल पहुचना अनायास नहीं हुआ है। मुगलिस्तान और लाल गलियारे के बीच की  कड़ी कांग्रेस को बनाने के उद्देश्य से राहुल गांधी  ेने वायनाड से चुनाव लडऩे का फैसला किया था ऐसी चर्चा राजनीतिक क्षेत्र में है।

इस विषय पर समय-समय पर आगामी संपादकीयो में भी प्रकाश डालने का प्रयास करते रहेंगेे।