18 December 2019
लियाकत अली खान की हत्या और मुशर्रफ को फांसी की सजा?
अमित शाह ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा है कि 1950 में नेहरू-लियाकत समझौता हुआ था, जिसका एक हिस्सा एक-दूसरे देश के अल्पसंख्यकों की रक्षा करना था। इस पर बीते 70 सालों से काम नहीं किया गया क्योंकि आप वोट बैंक बनाना चाहते थे। हमारी सरकार ने इस पैक्ट को सही ढंग से लागू किया है और लाखों लोगों को नागरिकता देने का फैसला किया है, जो बीते कई सालों से इंतजार में थे।
चीफ जस्टीस बोबड़े ने कल सुनवाई के दौरान पूछा था कि बसों में आग किसने लगाई?
जनता आज पूछ रही है कि कल और आज बसों में आग किन नेताओं ने लगवाई?
आज विपक्षी नेता राष्ट्रपति से मिलकर यह गुहार लगाई है कि नागरिकता कानून वापस ले लिया जाये। जैसे शाहबानो केस में दंगे भड़कने से उस समय के प्रधानमंत्री राजीव गंाधी ने शाहबानो केस पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटवा दिया था वैसा अभी भी हो सकता है। इसलिये वोटबैंक की राजनीति दंगे फसाद करवा रही है।
नागरिकता संशोधन कानून पर देश में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्षी दलों पर लोगों को भड़काने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि इस कानून में कुछ भी गलत नहीं है और इसे वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता। विपक्ष को जो राजनीतिक विरोध करना है, वो करें। भाजपा और मोदी सरकार अडिग है।
इस संदर्भ में २००७ को अंगे्रजी में लिखे गये एक मेरे लेख का हिन्दी अनुवाद इस संपादकीय के नीचे है। उसके कुछ अंश इस प्रकार हैं:
टू नेशन थ्योरीÓ के भूत के साथ आतंकवाद का एक नृत्य है
बांग्लादेश का जन्म, दो राष्ट्र सिद्धांत को दफन किया। इराक में शिया-सुन्नी की लड़ाई क्यों? क्या सुन्नी नेतृत्व वाली पाक सेना से लडऩे के लिए इस्लाम सुन्नी बलूच को रोक सकता है?
पाकिस्तान के सैन्य और आईएसआई नियंत्रित तानाशाही नकली लोकतंत्र के तहत रक्तपात का कोई अंत नहीं है। भारत में नकली धर्मनिरपेक्षता और वोट बैंक की राजनीति का गीत कौन गाता है?
लियाकत अली खान और बेनजीर भुट्टो के हिंदू रिश्तेदार अभी भी गुजरात में हैं। जिन्ना और फिरोज खान (सोनिया गांधी के ससुर) भी गुजरात से ताल्लुक रखते थे।
जिन्ना खुद एक ऐसे परिवार से थे जो हिंदुओं में परिवर्तित हो गए थे।
लियाकत अली खान की पत्नी मुस्लिम नहीं थीं । लियाकत अली खान और जिन्ना ने अपनी पत्नियों को इस्लाम में परिवर्तित कर दिया।
बेनज़ीर भुट्टो की दादी एक हिंदू थीं।
क्या हम अपने पुरखों को जान सकते हैं? आतंकवाद क्यों? जामिया के बाद आज सीलमपुर और जाफराबाद में दंगे क्यों?
आज पाकिस्तान की न्यायपालिका ने परवेज मुशर्रफ को फांसी की सजा इसलिये दे दी है कि उसने पाकिस्तान में इमरजेंसी लगाई थी।
ठीक इसके विपरीत हमारे यहॉ भी इंदिरा गंाधी जी ने इमरजेंसी लगाई थी, परंतु उसके कुछ वर्ष बाद १९८० में जो चुनाव हुए उसमें भारी बहुमत से भारत की जनता ने उन्हें फिर से प्रधानमंत्री बनाया।
इससे स्पष्ट है कि भारत में प्रजातंत्र की जड़े मजबूत हंै और दोनों सदनों में पारित कानून तथा भारत के संविधान में आस्था रखने वाले भारत की दंगो पर काबू पाने में सफल होंगे।
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