15 November 2019
राजनीतिक पार्टियांं व उनके नेताओं की उपमा अब बेशर्म बेहया झाड़ व उनके फूल पत्तियों से की जा सकती है।
चौकीदार चोर है वाले बयान पर राहुल की माफी कुबूल, स्ष्ट ने साथ में दी नसीहत। उस नसीहत को डस्टबीन में डाल कांगे्रस व उनके नेताओं ने फिर बेशरमी की हद पार कर दीे है।्र
इसी प्रकार से महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी व कांगे्रस की दौड़ ने भी जनतंंत्र को मजाक बना दिया है।
जिस प्रकार से कांग्रेस और राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का बारंबार अर्थ का अनर्थ कर अपने आपका ही अनर्थ कर रहे हैं उसी प्रकार से शिवसेना,एनसीपी और कांगे्रस तथा उनके नेता भी अपना और अपनी पार्टियां का अहित कर रहे हैं। वे हिन्दुत्व और न ही ५०-५० के अर्थ का भी अनर्थ कर रहे हैं।
राफेल मामले में उच्च न्यायालय द्वारा पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज किए जाने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि शीर्ष अदालत के निर्णय से ही इस ‘घोटालेÓ की जांच के लिए बड़ी गुंजाइश पैदा हुई है और ऐसे में जांच के लिए अब संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन होना चाहिए। उन्होंने ट्वीट किया कि उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति जोसेफ ने जो कहा है उससे ”राफेल घोटालेÓÓ की जांच के लिए बड़ी गुंजाइश पैदा हुई है।
कांग्रेस के प्रधान प्रवक्ता जो हरिणाया विधानसभा उपचुनाव और अभी हुए चुनाव में भी हार चुके हैं उन्होंने इस मसले पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय यह साबित करता है कि राफेल केस की आपराधिक जांच का रास्ता सुप्रीम कोर्ट ने खोल दिया है।
नवभारत टाईम्स में विनय गुलवानी की एक कमेंट है।
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लगे रहो मंदबुद्धि बाबा – देश की जनता कॉंग्रेस के साथ नही है. गांधीजी का सपना पूरा करने के लिए ही आप पैदा हुए हैं – कांग्रेस. की अंतिम यात्रा. अंतिम संस्कार तेरहवी आप के ही कर कमलों.
जस्टीस जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायधीश रंजन गोगोई से भी बड़ा नहीं समझना चाहिये। इसी प्रकार से महाराष्ट्र के तीन टंगड़ी दौड़ लगाने वाले नेताओं को भी यह समझना चाहिये कि महाराष्ट्र भी भारत के अंतर्गत एक प्रांत है।
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