28-nov-2021
कुशल और सक्षम नेतृत्व की अग्नि परीक्षा मुश्किल समय में होती है। जो नेतृत्व इस परीक्षा में सफल होता है, उसको दुनिया भी सलाम करती है। कोरोना महामारी में जहां विश्व के शक्तिशाली देश और उनके नेतृत्व बेबस नजर आ रहे हैं, वहीं सीमित संसाधन के बावजूद भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आगे बढ़कर इस महामारी के नए-नए स्वरूपों का सामना कर रहे हैं। जैसे ही दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमिक्रॉनÓ का पता चला प्रधानमंत्री मोदी भी हरकत में आ गए। दुनिया भर में पैदा हुई आशंकाओं के बीच देश में कोरोना की ताजा स्थिति और जारी टीकाकरण अभियान की समीक्षा के लिए शनिवार को एक अहम बैठक की। डिजिटल माध्यम से हुई इस बैठक में कैबिनेट सचिव राजीव गौबा, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पी के मिश्रा, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल सहित कुछ अन्य अधिकारी मौजूद थे। लगभग 2 घंटे तक चली इस बैठक में अधिकारियों के साथ नए वैरिएंट पर चर्चा के साथ कुछ एहतियातन कदम उठाने पर विचार हुआ। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अधिकारियों को राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया।
कोरोना के इस नए वैरिएट को लेकर प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार पूरी तरह सतर्क है। इस जानलेवा वेरिएंट को रोकने के लिए भारत सरकार ने दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन, हांगकांग और बोत्सवाना सहित 12 देशों के नाम जारी किए हैं और उन्हें ‘जोखिमÓ वाले देशों की श्रेणी में शामिल किया है। इन देशों से आने वाले हवाई यात्रियों की स्क्रीनिंग अनिवार्य कर दिया गया है। इन सभी यात्रियों को भारत सरकार के द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करना होगा। गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक समिति ने कोरोना वायरस के इस नए वैरिएंट बी.1.1.529 को ‘ओमिक्रॉनÓ नाम दिया है और इसे ‘बेहद संक्रामक चिंताजनक स्वरूपÓ करार दिया है।
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