11-11-2021
किसानों का आंदोलन के नाम पर इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटनाएं बार बार सामने आ रही हैं। आंदोलन का बहाना बना कर बर्बबरता की सारी हदें पार की जा रही हैं। कहीं बेरहमी से हाथ-पांव काट कर किसी की जान ले ली जा रही है। तो कहीं लाठियों से पीट-पीट कर कत्ल की वारदात को अंजाम दिया जा रहा है। तो कभी रेप की वारदात सामने आ रही है। आंदोलन के नाम पर जारी है हैवानियत, अब सिंधु बॉर्ड पर पेड़ से लटकी किसान की लाश मिलने से बवाल मचा है। सिंधु बॉर्डर जहां किसानों ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन शुरू किया था, वो धीरे-धीरे भूतिया इलाके में तब्दिल हो रहा है, चंद दिनों पहले ही यहां से एक दलित किसान की टुकड़ों में लाश मिली थी। इस किसान के अंगों को काट कर उसे बैरिकेड से लटका दिया गया था, अब उसी सिंधु बॉर्डर पर पेड़ से लटकी एक किसान की लाश मिली है।
बुधवार को लोगों ने गुरप्रीत सिंह नाम के किसान की लाश को पेड़ से लटके देखा।बताया जा रहा है कि गुरप्रीत सिंह पंजाब के फतेहगढ़ का रहने वाला है। जैसी ही पुलिस को पेड़ से किसान की लाश लटके होने की सूचना मिली, पुलिस फौरन मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में ले लिया। बताया जा रहा है कि किसान के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है ताकि ये पता लगाया जा सके कि उसनी हत्या हुई है या फिर उसने आत्महत्या की है। फिलहाल कुंडली थाने इस मामले में हर एंगल से जांच कर रही है।
बताया जा रहा है कि दिवाली में साथियों के घर जाने के बाद भी गुरप्रीत अपने गांव की ट्रॉली में अकेला था। लेकिन आखिर उसने क्यों जान दी इसका खुलासा पुलिस की तहकिकात के बाद ही होगा। लेकिन सोशल मीडिया पर इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं।
किसानों को हक दिलाने की आड़ में हिंसा का जो खेल सारे देश में खेला जा रहा है। उसने देश के गरीब अन्नदाता का सिर शर्म से झुक गया है और किसान आंदोलन की आड़ में हिंसा का खेल खेल रहे गुंड़ों की हकीकत सामने आ गई है।
दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बार्डर पर 15 अक्तूबर की सुबह पंजाब के तरनतारन निवासी दलित युवक लखबीर सिंह की बेरहमी से हत्या से किसान के नाम पर हो रहा तमाशा पूरी तरह से बेनकाब हो गया । दलित युवक लखबीर सिंह के पहले हाथ काटे गए, फिर टांग.0 तलवार से पेट, पीठ और टांगों पर हमले किए जाते रहे, कभी पैर बांधकर उल्टा लटकाया तो कभी हाथ बांधकर सीधा, ऐसा खौफनाक मंजर कि मौत भी सिहर उठे, मौत के इस मंजर किसी का भी दिल दहल जाए, लेकिन बेरहमी करने वालों को न तो दया आई और न ही किसी को अपनी करनी पर पछतावा हुआ। शुक्रवार रात भर लखबीर सिंह के अंग काटने-गोदने का सिलसिला जारी रहा । सुबह बैरिकेड पर लटकी लाश और चारो ओर बिखरे अंग को देश सारा देश सिहर उठा।
सिंघु बॉर्डर पर घोड़े और हथियारों से लोगों को डराने की कोशिश
सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन के लिए अभी भी करीब 225 निहंग सिख मौजूद हैं. धरना प्रदर्शन में निहंग सिख पारंपरिक हथियारों के साथ मौजूद हैं. ये हथियारों के साथ धरनास्थल पर पहरा देते नजर आते हैं। लेकिन अब नकी करतूत ने इंसानियत के साथ देश के असली अन्नदाता को भी शर्मसार कर दिया है । इधर सिंघु बार्डर पर दलित की हत्या का मामला देश की सबसे बड़ी अदालत में पहुंच चुका है । सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सिंघु बॉर्डर को जल्द खाली कराने की मांग की गई है। किसानों के आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई मसलों पर सुनाई हो रही है , सुप्रीम कोर्ट ट्रेनें रोकने , हाइवे बंद कर रहे हैं जैसे हरकतों पर पहले ही फटकार लगा चुका है। लेकिन किसानों के हक के नाम पर हिंसा और खूनखराबे का धंधा लंबे वक्त से जारी है।
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