03-09-2021
जिस प्रकार से मोदी सरकार ने तालीबान के प्रतिनिधि से वार्ता की है। उस वार्ता में जो बाते निकलकर सामने आई हैं वह साफ है कि मोदी सरकार का उद्देश्य विश्व में आतंक के खौफ को खत्म करना और भारत की सुरक्षा का ध्यान रखना। मोदी सरकार के कूटनीतिक नीतियों की वजह से ही अब पाकिस्तान और चीन जैसे देशों का एजेंडा दुनिया के सामने आने लगा है।
अमेरिका जैसे देश भी पाकिस्तान की आतंक परस्ती को पहचान रहा है चीन की विस्तारवादी नीति व ऋणजाल को समझ चुके हैं।
इसीलिये पीएम मोदी ने पिछले २ हफ्तों मेें कई बैठकें अफगानिस्तान के हालात को लेकर की है। इन बैठकों में पीएम मोदी ने भारतीयों के साथ-साथ अफगानिस्तान के नागरिकों की भी सुध ली। इसी प्रकार से अब वर्तमान की जो स्थिति हैं उसमें इस बात को अंदेखा नहीं किया जा सकता है कि चीन-पाकिस्तान के साथ आईएस-अलकायदा भी तालीबान की सत्ता को अपने नजरिये से देख रहे हैं।
अब तालीबान को भारत ने अपनी बात-चीत के दौरान दो टूक नसीहत भी दी थी कि वह भारतविरोधी कृत्यों को अपनी धरती में बर्दाश्त नहीं करेगा और साथ ही आतंक को पनपाने की लिये अफगानिस्तान को जरिया ना बनाया जाये।
इसके अलावा हमारे देश के एनएसए अजित डोभाल ने भी ब्रिक्स देशों की बैठक में आतंकवाद के लिये उनके विरूद्ध एक्शन प्लान भी बनाया था।
इस एक्शन प्लान में आतंकियों के विरूद्ध किये गये कार्यों और आने वाले भविष्य में कौन-कौन से एक्शन लिये जा सकते हैं इस पर भी चर्चा हुई।
देश में वर्तमान में बीते कुछ हफ्तों से समाचार आ रहे हैं कि पाकिस्तान और आईएस भारत के अंदर अपने आतंकी भेजने की फिराक में है, इसके अलावा कश्मीर को अशांत करने की योजना बना रहे हैं। परंतु अब मोदी सरकार के एक्शन प्लान के अनुसार जल्द ही पाकिस्तान व चीन को एक साथ मुंह की खानी पड़ेगी क्योंकि अब अफगानिस्तान मुद्दे पर पूरे विश्व की नजरें भारत के एक्शन प्लान पर है।
अफगानिस्तान मुद्दे पर स्वयं अफगानिस्तान के नागरिक भी पाकिस्तान की पोल खोल चुके हैें। अफगानिस्तान की पॉप स्टार के मुताबिक भारत ही अफगानिस्तान का भला चाहने वाला देश हैं और भारत ने ही वहॉ पर विकास कार्यों की सौगातें दी हैं। पॉप स्टार ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए उसे आतंकियों की शरणस्थली बताया, तालीबान को पनपाने का कारण भी और जिम्मेदार भी बताया।
इसके अलावा पाकिस्तान पर खुलासा करते हुए अफगानिस्तान के पूर्व पीएम अशरफ गनी ने भी पाकिस्तान को तालीबान के उभरने का कसूरवार ठहराया। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि अमेरिका के जाने के पूर्व ही पाकिस्तान ने ही तालीबान को वार प्लानिंग तैय्यार करने में सहयोग किया था।
पाकिस्तान के साथ-साथ अब अलकायदा की नीतियों को जोड़कर देखा जा रहा है।
पाकिस्तान-अलकायदा दोनों ने ही भारत को प्रभावित करने का मोर्चा खोल रखा है। कश्मीर में जिस प्रकार से अलगाववादी नेता गिलानी की मंशा और महबूबा के इरादे पाकिस्तान परस्ती के रहे हैं ठीक उसी प्रकार से अब मोदी सरकार ने कूटनीतिक फैसलें लिये हैं जैसे कि सीएए और कश्मीर से धारा ३७० हटाने के फैसले और ब्रिक्स देशों की मिटिंग में अफगानिस्तान मुद्दे और आतंकवाद के खिलाफ एजेंडा बनाना और अमेरिका, रूस, जर्मनी जैसे देशों से अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा करने से जिहादी षडयंत्र को विफल हुए हैं।
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