16 April 2019
अखिलेश के किया आजम के खाकी अंडरवियर बयान का बचाव
(१) आज़म ने खां ने अप्रत्यक्ष रूप से जया प्रदा के स्त्रीत्व का चीरहरण करते हुए १५ अप्रैल को कहा था ”उसकी असलियत समझने में आपको 17 साल लग गए। मैं तो 17 दिन में ही पहचान गया कि इनके नीचे का जो अंडरवियर है, वो भी खाकी रंग का है।ÓÓ
(2) कई नेताओं ने कहा कि सपा सुप्रीमो अखिलेश की मौजूदगी में दिए गए इस बयान का अखिलेश द्वारा बचाव करने का अर्थ है कि सब कुछ उनकी देखरेख और सहमति से हो रहा है।
(३) यह टिप्पणी करते हुए आजम खान ये दिखाने की कोशिश कर रहे थे कि जया प्रदा के संबंध आरएसएस से थे और जया ने जो उनके खिलाफ आरोप लगाए थे, वो भी आरएसएस की साजि़श थी। आजम ने जब यह शर्मनाक टिप्पणी की थी, उस समय सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी मंच पर मौजूद थे।
उक्त तीन बिंदुओं पर इस संपादकीय में प्रकाश डालते हुए कुछ चर्चा की गई है।
>> आजम खान के विरोध में आए 5 लाख सिने कर्मचारी, बोले– ‘जया प्रदा का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगेÓ
फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने कर्मचारियों ने एक प्रेस रिलीज के जरिए अपनी बात रखते हुए कहा कि जया प्रदा बॉलीवुड की सीनियर एक्टर हैं. हिंदी सिनेमा में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा. फिल्म इंडस्ट्री में उनके फॉलोअर्स बहुत ज्यादा हैं और अगर आजम खान माफी नहीं मांगते हैं तो देश के हर कोने से लगभग पांच लाख सिने कर्मचारी धरना करेंगे.
>> समाजवादी पार्टी के प्रणेता संरक्षक मुलायम सिंह और वर्तमान अध्यक्ष अखिलेश अपने आपको यादव वंश का अर्थात महाभारत के कृष्ण से संबंध जोड़ते हैं। बावजूद इसके जिस प्रकार से दुस्सासन ने दुर्योधन के इशारे पर द्रोपदी का चीरहरण किया था और भीष्म पितामह चुप थे, उसी प्रकार से अखिलेश के इशारे पर आजम खां ने जया प्रदा का चीरहरण किया है और मुलायम सिंह शांत हैं।
>> मुंबई में एक पत्रकार महिला पर सामुहिक रूप से बंगलादेशी घुसपैठियों ने बलात्कार किया था उस घटना को भी मुलायम सिंह यादव ने वोटबैंक की दृष्टि से देखा और कहा था कि बच्चे हैं गलती हो जाती है। इससे समझा जा सकता है कि वे किस विचार के हैं।
(३) यह टिप्पणी करते हुए आजम खान ये दिखाने की कोशिश कर रहे थे कि जया प्रदा के संबंध आरएसएस से थे और जया ने जो उनके खिलाफ आरोप लगाए थे, वो भी आरएसएस की साजि़श थी।
आजम ने उस अंडरवियर की टिप्पणी के साथ इसे खाकी कलर से भी जोड़ा है।
इस प्रकार का प्रयास कर आजम ने एक ओर जहॉ समाजवादी के यादव नेता द्वय को खुश करने की कोशिश की है वहीं दूसरी ओर राहुल गांधी और शशि थरूर जैसे नेताओं को भी खुश करना चाहा है।
>> जया प्रदा का चीरहरण करने वाले आजम खान और राहुल गांधी तथा शशि थरूर में क्या कुछ अंतर है इसे भी हमें समझने की जरूरत है।
19 मार्च 2019 को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा है कि लोकसभा चुनाव ”किसी एक क्षण की त्रासदीÓÓ पर नहीं, बल्कि गरीबी और बीमारी जैसे ”सार्वकालिक मुद्दोंÓÓ पर लड़ा जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नीत सरकार पुलवामा हमले के बाद 2019 के चुनाव को ”खाकी चुनावÓÓ में तब्दील करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि 14 फरवरी को 40 सीआरपीएफ जवानों की जान लेने वाले पुलवामा हमले के समय तक माहौल कांग्रेस के पक्ष में था और उसके बाद से सरकार लोकसभा चुनाव को ”राष्ट्रीय सुरक्षा आधारित चुनावÓÓ बनाने का प्रयास कर रही है। थरूर ने कहा, ”जिस समय पुलवामा त्रासदी हुई उस समय तक के अनुमानों के अनुसार हम बहुत अच्छा कर रहे थे और सभी आकलन तथा माहौल हमारे अनुकूल था। इसके बाद, सरकार ने इसे खाकी चुनाव, राष्ट्रीय सुरक्षा आधारित चुनाव बनाने की कोशिश की है।ÓÓ
>> राहुल गांधी ने कुछ समय पूर्व कहा था कि आरएसएस में शॉट्र्स वाली लड़किया नहीं दिखती।
राहुल गांधी की उक्त टिप्पणी की भर्तसना केन्द्रिय मंत्री द्वय स्मृति इरानी और जावड़ेकर जी ने की थी।
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