नई दिल्ली: सरकार कृषि उद्यमियों को सहायता देने के लिए ‘स्टार्टअप और ग्रामीण उद्यमों के लिए कृषि कोष’ (एग्रीश्योर) शुरू करने की तैयारी में है। शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि इस कोष के माध्यम से निवेश क्षेत्र-विशिष्ट होगा, और ऋण वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) के साथ-साथ कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में काम करने वाले स्टार्ट-अप को प्रत्यक्ष इक्विटी सहायता भी दी जाएगी।
इस पहल का उद्देश्य 750 करोड़ रुपये के श्रेणी-II वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) की स्थापना के माध्यम से भारत के कृषि क्षेत्र में नवाचार और स्थिरता को बढ़ावा देना है। इसमें कहा गया है कि यह कोष इक्विटी और ऋण दोनों तरह का समर्थन प्रदान करेगा, विशेष रूप से कृषि मूल्य श्रृंखला में उच्च जोखिम, उच्च प्रभाव वाली गतिविधियों को लक्षित करेगा।
शुक्रवार को मुंबई में नाबार्ड मुख्यालय में प्री-लॉन्च स्टेकहोल्डर मीटिंग में यह घोषणा की गई। इस कार्यक्रम में वित्तीय संस्थानों, निवेशकों, एआईएफ प्रबंधकों और कृषि-स्टार्टअप सहित प्रमुख हितधारकों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में बोलते हुए, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव अजीत कुमार साहू ने इस कोष की क्षमता पर जोर दिया, जिससे एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र निर्मित होगा जो नवीन दृष्टिकोणों के माध्यम से कृषि क्षेत्र के लिए वित्तपोषण को बढ़ाएगा, जिससे छोटे और सीमांत किसानों को लाभ होगा।
कार्यक्रम के दौरान, नाबार्ड के अध्यक्ष शाजी केवी ने तकनीकी नवाचारों के माध्यम से कृषि में विकास के अगले स्तर को आगे बढ़ाने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के सहयोग की आवश्यकता पर बात की।
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