नई दिल्ली / डिजिटल भुगतान प्रणाली का उपयोग करते हुए, लगभग 39 करोड़ गरीब लोगों को 5 मई, 2020 तक प्रधान मंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) के तहत 34,800 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्राप्त हुई। कोविड 19 के कारण हुए लॉकडाउन के प्रभाव से गरीबों को बचाने के लिए सरकार की ओर से इस वित्तीय सहायता की घोषणा 26 मार्च, 2020 को केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मल सीतारमण ने की थी।
पीएमजीकेपी के तहत सरकार ने महिलाओं, गरीब वरिष्ठ नागरिकों और किसानों को मुफ्त अनाज और नकद भुगतान की घोषणा की है। पैकेज के तहत दी जाने वाली इस मदद को तेजी से पहुंचाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा इसपर लगातार नजर रखी जा रही है। वित्त मंत्रालय, संबंधित मंत्रालय, कैबिनेट सचिवालय और प्रधानमंत्री कार्यालय यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं कि राहत उपाय तेजी से जरूरतमंदों तक पहुंचे।
वित्तीय मदद के लाभार्थी तक तेज और कुशल हस्तांतरण के लिए फ़िनटेक और डिजिटल तकनीक को नियोजित किया गया है। प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी)के जरिए यह सुनिश्चित किया गया है कि राशि सीधे लाभार्थी के खाते में जमा हो, इसमें किसी तरह की गड़बड़ी न हो और पूरी दक्षता के साथ काम हो। इससे लाभार्थी को खुद बैंक की शाखा में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती और ऐसा किए बिना ही उसे वित्तीय मदद मिल जाती है।
पीएमजीकेपी के विभिन्न घटकों के तहत अब तक हासिल की गई प्रगति इस प्रकार है
8.19 करोड़ लाभार्थियों को 16,394 करोड़ रूपए की पीएम किसान की पहली किस्त के भुगतान की व्यवस्था
पहली किस्त के रूप में 20.05 करोड़ (98.33%) महिला जन धन खाता धारकों को 10,025 करोड़ रुपये दिए गए।
पीएमजेडीवाई खाताधारक महिलाओं की संख्या जिनके खाते में लेनदेन हुआ 8.72 करोड़ (44%) हैं।
दूसरी किस्त के तहत 5.57 करोड़ महिला जन धन खाताधारकों को 5 मई को2,785 करोड़ रुपए जारी किए गए
लगभग 2.82 करोड़ वृद्धों, विधवाओं और विकलांग व्यक्तियों को 1405 करोड़ रुपए बांटे गए
सभी 2.812 करोड़ लाभार्थियों को वित्तीय मदद हस्तांतरित की गई
भवन एवं निर्माण क्षेत्र में लगे 2.20 करोड़ श्रमिकों को 3492.57 करोड़ की वित्तीय सहायता प्राप्त हुई।
अप्रैल महीने के लिए 36 राज्यों / केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा अब तक 67.65 लाख टन अनाज का उठाव किया जा चुका है। अप्रैल 2020 के लिए 36 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा 60.33 करोड़ लाभार्थियों को 30.16 एलएमटी खाद्यान्न वितरित किया गया है। इसी प्रकार मई में 22 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा 12.39 करोड़ लाभार्थियों को 6.19 एलएमटी खाद्यान्न वितरित किया गया है।
विभिन्न राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को 2.42 एलएमटी दालों की आपूर्ति की गई है। कुल 19.4 करोड़ लाभार्थियों में से 5.21 करोड़ लाभार्थियों को दालें वितरित की गई हैं।
इस योजना के तहत अब तक कुल 5.09 करोड़ प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) सिलेंडर बुक किए गए हैं और 4.82 करोड़ पीएमयूवाई मुफ्त सिलेंडर पहले ही लाभार्थियों को वितरित किए जा चुके हैं।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के 9.6 अंशधारकों ने ईपीएफओ खाते से 2985 करोड़ की अग्रिम राशि की ऑनलाइन निकासी का लाभ लिया। यह वह राशि है जिसे उन्हें वापस नहीं करना है।
44.97 लाख अंशधारकों के खाते में 24 प्रतिशत अंशदान के रूप में 698 करोड़ रुपये डाले गए।
01 अप्रैल 2020 से प्रभावी मनरेगा की बढ़ी हुई दर को अधिसूचित किया गया। मौजूदा वित्त वर्ष में मनरेगा के तहत 5.97 करोड़ व्यक्ति कार्य-दिवस के अवसर पैदा हुए। इसके अलावा, राज्यों को वेतन और सामग्री दोनों के लंबित बकाये का भुगतान करने के लिए 21,032 करोड़ रुपये जारी किए गए।
न्यू इंडिया एश्योरेंस द्वारा शुरु की गई बीमा योजना के तहत सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों में काम करने वाले 22.12 लाख स्वास्थ्य कर्मचारियों को शामिल किया गया
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज
कुल प्रत्यक्ष लाभ अंतरण 05/05/2020 तक
योजना | लाभार्थियों की संख्या | राशि |
पीएमजेडीवाई महिला खाताधारकों को सहायता | पहलीकिस्त 20.05 करोड़ (98.3%)दूसरी किस्त 5.57 करोड़ | पहली किस्त – 10025 करोड़दूसरी किस्त – 2785 करोड़ |
एनएसएपी(वृद्ध विधवा, दिव्यांग, वरिष्ठ नागरिक) को सहायता | 2.82 करोड़ (100%) | 1405 करोड़ |
पीएम किसान के तहत किसानों को भुगतान | 8.19 करोड़ | 16394 करोड़ |
भवन और अन्य निर्माण क्षेत्र के श्रमिकों को सहायता | 2.20 करोड़ | 3493 करोड़ |
ईपीएफओ में 24% योगदान | .45 करोड़ | 698 करोड़ |
कुल | 39.28 करोड़ | 34800 करोड़ |
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