सोयाबीन की आवक मंडियों में किसानों को नहीं मिल रहे अच्छे भाव

सोयाबीन की आवक मंडियों में किसानों को नहीं मिल रहे अच्छे भाव
सोयाबीन की कटाई की जेलफसल की नीलामी में किसानों को 3900 से 4700 रुपये का बिजनेस मिल रहा है।

पर प्रकाश डाला गया

  1. एक हफ्ते में सोयाबीन में 300 रुपये की गिरावट आई है।
  2. सोयाबीन के भाव 3900 से 4700 रुपये का कमर्शियल मिल रहा है।
  3. समर्थन मूल्य में आवेदन के लिए किसान नहीं करा रहे हैं अपॉइंटमेंट।

नईदुनिया प्रतिनिधि, मज़हब। आजकल जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में सोयाबीन की फसल तेजी से चल रही है। मंडी सोसायटी में 7000 बोरी की आवक होने लगी है। मगर, किसान भाव को लेकर निराश हैं।

नीलामी में किसानों को सोयाबीन के भाव 3900 से 4700 रुपये का एंटरप्राइज मिल रहा है। एक सप्ताह में करीब 300 रुपये के ऑर्डर की घोषणा की गई। सोया प्रदेश में किसान सोयाबीन के भाव के लाले पड़ रहे हैं।

किसान संघ से लेकर कांग्रेस के जन आंदोलन की घोषणा हो गई। सरकारी तेल के आयात शुल्क में भी किसानों ने सोयाबीन के भाव को बढ़ाया नहीं। उपभोक्ता तेल तो महंगा हो गया, लेकिन सोयाबीन में मंदी बनी हुई है।

लैब नहीं दिख रही तेजी

मंडी बाज़ार में ज़्यादातर सोयाबीन 3,900 से 4,300 रुपये तक बिक रही है। इस सोयाबीन में सबसे ज्यादा रहता है। 12 सरकारी वेबसाइट्स सोयाबीन के भाव 4500 से 4700 रुपये का बिजनेस चल रहा है। बताएं डेसेज़ वीक में सोयाबीन 4,900 आरपी वेल से और भी अधिक भाव में बिकता है।

अभी मंडी में ज्यादातर सोयाबीन सब्जी वाली आ रही है, जहां प्लांट वाले स्टॉक नहीं कर सकते। उसे क्रशिंग कर तेल और सोया खली बेचने का सामान है। ऐसे में भाव अधिक प्राप्ति संभव नहीं है। दशहरे के बाद सोयाबीन की अवाक गुणवत्ता के साथ बढ़ेगा। तेजी की स्थिति वर्तमान में दिखाई नहीं दे रही है।-संदीप सारदा, मैसाचुसेट्स।

पंजीकरण में रुचि नहीं दिखा रहे किसान

किसानों के लिए सोयाबीन का समर्थन मूल्य 4,892 फॉर्म फॉर्म में सरकार तैयारी कर रही है। मगर, किसानों का चुनावी नामांकन कम दिखाई दे रहा है। 25 सितंबर से 8 अक्टूबर तक जिले में 4,840 किसानों ने पंजीकरण कराया है।

रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि 20 अक्टूबर है। नेफेड की संचालक स्वाति राय ने बताया कि पंजीकृत किसानों से सोयाबीन की खरीद के लिए 1,600 बारदान की गठान खरीदी गई है। 25 अक्टूबर से संबन्ध शुरू हो सकता है।

किसानों की पसंद तो सरकार ने कहा, ”संक्षेप का लक्ष्य काफी कम रखा गया है।” उत्पाद की 40 वीं प्रयोगशाला की योजना जारी की जा रही है। ऐसे में बाकी 60 सोयाबीन तो मंडी में ही बिकनी उत्पाद हैं। ऐसे में किसान सरकारी टोल कांटो पर चिंता नहीं करना चाहते। उद्देश्य, किसान पंजीकरण में अधिक रुचि नहीं दिखा रहे हैं।

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