बिजनेस डेस्क, रेस्तरां। भारतीय बाजार नियामक सेबी (सिक्योरिटीज एंड इक्विपमेंट बोर्ड ऑफ इंडिया) के खिलाफ हाल ही में अपंजीकृत निवेश सलाहकारों की अगली कार्रवाई की है। इन सलाहकारों का आरोप है कि वे आवेदकों को वास्तविक रिटर्न देकर उनका वादा करते हैं।
इनके प्रमुख का नाम मोहम्मद नसीरुद्दीन अख्तर है, जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में) के ‘बाप ऑफ चार्ट’ के नाम से निवेश की सलाह देते थे। इस कार्रवाई के तहत सेबी ने आरोप लगाया कि सात शेयरों पर एक साल तक के लिए प्रतिबंध लगाया गया है। उन्हें 17.2 करोड़ रुपये वापस लेने का ऑर्डर भी दिया गया है।
‘बाप ऑफ चार्ट’ की धोखा
मोहम्मद नसीरुद्दीन अख्तर, जो ‘बाप ऑफ चार्ट’ के नाम से जाने जाते हैं। वह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव थीं। उसने स्टॉक मार्केट में स्टॉक शेयर करने के लिए स्टॉक्स को स्टॉक दिया था, जो पूरी तरह से वास्तविक था। सेबी के अनुसार, एस्के ने स्टार्टअप ट्रेनिंग के नाम पर अपनी सलाह दी थी, लेकिन उनका असली मकसद उद्यम से शुल्क लेना और अवैध तरीके से धन प्रौद्योगिकी बनाना था।
शोधकर्ता का कहना था कि वह इकाई कोस्टार्ट पाठ्यक्रम प्रदान कर रहे हैं, लेकिन सेबी ने पाया कि उनका उद्देश्य सदस्यता से पैसे की उगाही करना था। वह सोशल मीडिया पर आकर्षक वीडियो और स्केटबोर्ड वादों के माध्यम से अपनी सेवाओं के लिए आकर्षित करती थी।
उदाहरण के तौर पर उन्होंने यूट्यूब पर एक टेलिकॉम वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने अपने कोर्स में भाग लेने के लिए दर्शकों को भव्यता और प्रेरणा दी।
अन्य पर भी कार्रवाई
इस मामले में अन्य संस्थाएं भी शामिल हैं, जो काम कर रही थीं, जो अनुसंधान के साथ मिलकर निवेश सलाह का व्यवसाय कर रही थीं। इनमें राहुल राव पदमती, तबरेज़ अब्दुल्ला, संगीतकार स्तिथ वाणी, गोल्डन सिंडिकेट वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड (जीएसवीपीएल), राजनेता अब्दुल्ला और जादव राजवंशी शामिल हैं।
सेबी ने पाया कि ये संस्थाएं भी शोधकर्ता के साथ मिलकर अवैध निवेश सलाहकार व्यवसाय दे रही थीं। वैसे भी छह महीने के लिए प्रतिबंध लगाया गया है।
दादी की कीमत 17.2 करोड़ रुपये होगी
सेबी ने इन प्लॉट और एसेसरीज को 17.2 करोड़ रुपये का रिटर्न का ऑर्डर दिया है। यह राशि उन लोगों को इकट्ठा की गई थी, जिन्हें अवैध इन सलाहकार सेवाओं के लिए भुगतान किया गया था। इसके अलावा सेबी ने 20 लाख रुपये और बाकी सभी के लिए 2-2 लाख रुपये का बजट तय करने का आग्रह किया है।
धोखाधड़ी का आरोप
सेबी के सदस्य एसोसिएट अमरजीत सिंह ने इस मामले में कहा है कि अपंजीकृत निवेश सलाहकार जैसे कर्मचारी अनाधिकृत कर सकते हैं। उन्हें बड़े जोखिम में डाला जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि शोधकर्ता ने अपने नुकसान को छुपाते हुए बेरोजगारी से वास्तविक रिटर्न का वादा किया था। उनके द्वारा स्टार्टअप बिजनेस असल में युवाओं को धोखा देने का एक तरीका बताया गया।