पर प्रकाश डाला गया
- ताल के हाइब्रिड बीज तैयार करना मंदसौर का उद्यानिकी महाविद्यालय
- राजमाता विजयराजे ने कृषि विश्वविद्यालय का प्रोजेक्ट बनाया
- इससे संबंधित निजी कॉलेज की हाइब्रिड सब्जी के बीज उत्पादन में एकाधिकार कम होगा
सांगठनिक-नईदुनिया.ग्वालियर। विजयाराजे के हाइब्रिड बीज उत्पादन के लिए मंडासौर में स्थित बागवानी महाविद्यालयों में उन्नत केंद्र स्थापित किए गए हैं। इसकी कीमत 416.60 लाख रुपये है। यहां तीन साल में हाइब्रिड बीज तैयार होंगे।
उन्नत केन्द्रों में भिंडी, टमाटर, काली मिर्च और तोरी के मिश्रण के मिश्रण का उत्पादन किया जाएगा। इससे संबंधित निजी कॉलेज की सब्जी के बीज उत्पादन में एकाधिकार कम होगा। साथ ही किसानों की प्रयोगशालाएं होंगी। इतना ही नहीं किसानों के माध्यम से भी समग्र बीज के उत्पादन की तैयारी है।
उन्नत केंद्र में बीज को तीव्र गति से तैयार करने के लिए कृत्रिम वातावरण दिया गया, इससे विभिन्न स्टॉक में बीज कम समय में किसानों के लिए उपलब्ध हो गए। केंद्र में बीज विकसित करने के लिए तापमान, जापान, प्रकाश आदि को नियंत्रित किया जाएगा। इस वर्ष के लिए अनुकूल वातावरण 365 दिन का रिकॉर्ड रखा गया। कृषि विश्वविद्यालय के प्रयास से तीन साल में हर किसान की पहुंच होगी, वह भी कम कीमत में। कृषि विश्वविद्यालय तैयार बीज को बाजार में भी बेचें।
ऐसे तैयार होते हैं हाइब्रिड बीज
एक ही साधन के दो अलग-अलग अनुपातों को मिलाकर एक मिश्रण बनाया जाता है। क्रोसिंग में एक उपचार के नर फूल से लेकर उसे अन्य उपचार के फीमेल फूल के सिद्धांतों में रखा गया है। एक बार जब फीमेल फूल की ओवरी में पैरान हो जाता है, तो ये फूलना और फलना शुरू हो जाते हैं। उस फल के अंदर जो बीज विकसित होते हैं, वे हाइब्रिड बीज होते हैं।
विश्वविद्यालय द्वारा बागवानी महाविद्यालय मंदसौर में बीज उत्पादन के लिए उन्नत केंद्र तैयार किया जा रहा है। इससे पहले आने वाले समय में किसानों को कम दर पर लाभांश के रूप में बीज मिल गया। इससे उनके आय में सहयोग होगा।
-डा. अरविंद स्टालिन, पितृ पक्ष, विजयराजे ऑल्टो कृषि विश्वविद्यालय, पुरालेख।