खाद्य तेल की कीमत: मध्य प्रदेश में दबाव का असर, तेल पर आयात शुल्क हो सकता है कम

खाद्य तेल की कीमत: मध्य प्रदेश में दबाव का असर, तेल पर आयात शुल्क हो सकता है कम
आकर्षक तेल-तिलहन भाव.-प्रतीकात्मक चित्र

पर प्रकाश डाला गया

  1. काबुली चने पर स्टॉक लिमिट हटाई गई है।
  2. सोपा की आवश्यक तेलों पर सुगंध बढ़ाने की मांग।
  3. सरकार राष्ट्रीय तिलहन मिशन की घोषणा कर सकती है।

नईदुनिया,इंदौर। मंडी भाव: केंद्र सरकार मप्र के दबाव में एक और निर्णय बदल सकती है। अब खाद्य तेलों पर लगने वाले शुल्क में बढ़ोतरी होने की संभावना है। इससे पहले मैप के लैपटॉप के दबाव में काबुली चने पर स्टैक लिमिट का फैसला भी दिल्ली में चुकाया गया है।

खाद्य तेलों पर शुल्क शुल्क बढ़ाने की सलाह

अब केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने खाद्य तेलों पर किराया शुल्क बढ़ाने की सिफारिश की है। स्वदेशी तिलहन उत्पादकों के हितों की रक्षा का कारण बताया गया है। रिअल डेज़ टाइम डायबाॅनिया एयरलाइंस एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के दशमांश जैन भी शामिल हुए, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली से मिले थे। सोपा लंबे समय से प्राथमिकता वाले तेलों पर ड्यूटी बढ़ाने की मांग कर रही है।

रिफ्रेड ऑयल पर 13.75% सीमा शुल्क

चिंता की बात यह है कि इससे किसानों को अपने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्राप्त हो जाते हैं और स्वदेशी तेल उद्योग से भी दबाव हट जाएगा। वर्तमान समय में क्रूड पाम तेल, सोयाबीन तेल और क्रूड सनस्क्रीन तेल पर 5.5 प्रतिशत का शुल्क लगता है जिसमें सेस भी शामिल है। इसी तरह रिफाइंड खाद्य तेल पर 13.75 प्रतिशत का सीमा शुल्क प्रभावी है।

दाम घटने सेओबियान किसान नाराज

मप्र में सोयाबीन किसान सोयाबीन के घटते दाम से नाराज है। सीमा शुल्क में कमी नहीं होती है तब तक तिलहनों का निर्माण बढ़ाना किसानों को प्रेरित-प्रोत्साहित करना मुश्किल है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले काबुली चने पर स्टॉक लिमिट से भी प्रदेश के आदिवासियों की मांग को हटा दिया गया था। अब केंद्र सरकार द्वारा जल्द ही 6800 करोड़ रुपये वाले राष्ट्रीय तिलहन मिशन की घोषणा की जाने की उम्मीद है। ऐसे में स्थानीय उपजी के अच्छे दाम के लिए सरकार शुल्क शुल्क बढ़ाया जा सकता है।

इंदौर में खाद्य तेल बाजार में मंदी

सोयाबीन और मूंगफली के नए माल की आवक सितंबर से शुरू होने वाली है, जबकि अक्टूबर से रबी सीजन की तिलहन खेती और सोयाबीन की खेती की बिजाई शुरू होगी। ताज़ी दुकान के बाद सोयाबीन और तेल बाज़ार को सहारा मिल सकता है। डेसेबी सोयाबीन में भी वैसे ही सुधार हो रहा है। हालाँकि तेजी से बढ़ते तेल में भी बिकवाल बिकवाली है।

मंगलवार को औद्योगिक खाद्य तेल के बाजार में ग्राहकी की कुछ झलक देखने को मिली है, जो सोया तेल के बढ़ते जंगलों में बिखरा हुआ है। मंडी में कपास निमाड़ी (बारिक) 5600-5650 एवरेज बिजनेस बिजनेस 5200-5300 राइडा 5000-5200 सोयाबीन 4500 रुपये प्रति बाजार भाव।

लूज तेल- (प्रति दसियों किलों के भाव) मूंगफली तेल 1550-1570, मुंबई मूंगफली तेल 1560, मुंबई पाम तेल 960-965, इंदौर सोयाबीन साल्वेंट 915-920, इनडोर पाम 1010-1015, मुंबई सोया तेल रिफाइंड 975, मुंबई पाम तेल 960, सोयाबीन डीगम 925 राजकोट तेलिया 2430, गुजरात लूज 1540, क्यूसिया तेल इंदौर 935 रुपए।

प्लांटसोयाबीन भाव- एवी एग्रो मिर्ज़ा 4550 बालाजी मंदिर 4550 बैतूल आयल 4600 धनुका नीमच 4625 धीरेंद्र सोया 4650 दिव्य ज्योति 4550 हरिओम अमृत मंदसौर 4640 4521 भगवान लक्ष्मी देवस 4475 खंडवा आयल 4525 ‍मामस्या देवस 4475 ‍मामली साल्वेक्स नीमच 4650 ‍रामायच 4625 00 प्रकाश पीथमपुर 4480 प्रेस्टीज देवस 4550 रामा फास्फेट धर्मपुरी 4450 सांवरिया इटारसी 4580 महेसा शिप्रा 4500 सोनिका मंडीदीप 4525 स्नेहिल देवास 4550 सूर्या मंदसौर 4610 वर्धमान (अंबिका) कालापीपल 4550 अंबिका जावरा 4600 विप्पी 4540 रुपए प्रति लीटर।

कप्स्या खली- (60 कि. भारती) इंदौर 2450 देवास 2450 मुसाफिर 2450 खंडवा 2425, बुरहानपुर 2425, अकोला 3650 रुपए

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