पर प्रकाश डाला गया
- आरबीआई गवर्नर ने दी यूएलआइ की जानकारी
- लंबी अवधि के दस्तावेज़ों की प्रक्रिया पूरी तरह से सामान्य है
- फ्रिक्शनलेस क्रेडिट के लिए यूएलआई लाया जा रहा है
बिज़नेस डेस्क, कॉर्पोरेट (यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफ़ेस)। यूपीआई (UPI) ने सहकारी प्रक्रिया को काफी आसान बना दिया है। देश में करोड़ों लोग यूपीआई का उपयोग करते हैं। शॉपिंग मॉल से लेकर रेहड़ी-पटरी वाले भी यूपीआई का काफी इस्तेमाल करते हैं।
भारत का यूपीआई सिस्टम दुनिया भर में मशहूर है। कई वैश्विक नेता और बड़े स्टार भी इस सिस्टम के प्रमुख हैं। आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) यूपीआई के बाद यूएलआइ (यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस) आ रहा है। इसकी जानकारी सरकारी गवर्नर शक्तिकांत दास ने दी है।
असल में, शक्तिकांत दास बेंगलुरु में डिजिटल पब्लिक आर्किटेक्चर एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज से जुड़े कार्यक्रमों को प्रदर्शित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने बताया कि यूएलआइ के लिए आरबीआई फ्रिक्शनलेस क्रेडिट (घर्षण रहित क्रेडिट) आ रहा है। इस पर काम चल रहा है। इससे छोटा कर्ज लेना आसान होगा।
लोन मार्च कब होगा
गवर्नर गवर्नर शक्तिकांत दास के अनुसार, पायलट प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद यूनीपेर लेंडिंग प्रोजेक्ट (यूएलआई) लॉन्च किया गया। इससे भारत के लेंडिंग स्पेस में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे।
इन्सेक्ट सेक्टर को संभावित लाभ
यूएलआई में कर्ज लेने वाली संपत्ति के पास अलग-अलग राज्यों के भूमि रिकॉर्ड की जानकारी होगी। सीमलेस और कैन्सेंट बेस्ड डिजिटल इंटेलिजेंस मिल्स। इस मंच के माध्यम से कम समय में कर्ज़ मिल। खास बात यह है कि इस तरह की एक लंबी प्रक्रिया से अनसुनी बात होगी। कृषि और साइंटिस्ट क्षेत्र से जुड़े लोगों को काफी फायदा होगा।